पंजाब
आप नेताओं ने की नई माइनिंग पॉलिसी की जमकर सराहना – कहा, “पंजाब सरकार का ये कदम जनता के हित में ऐतिहासिक साबित होगा!

पंजाब की मान सरकार द्वारा 2022 के माइनिंग पॉलिसी में संशोधन कर नई माइनिंग पॉलिसी बनाने के फैसले की आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने सराहना की है। पार्टी नेताओं ने कहा कि इससे माइनिंग माफिया खत्म होगा और लोगों को सस्ती कीमत पर रेत मिल सकेगी।
इस मामले को लेकर आप नेता डॉ सनी आहलूवालिया, नील गर्ग, सफल हरप्रीत सिंह और साकी अली खान ने पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस किया।
मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ सनी आहलूवालिया ने कहा कि नई माइनिंग पॉलिसी आम आदमी को और ज्यादा सस्ती कीमत पर रेत उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई है। पहले डिमांड और सप्लाई में डिफरेंस बहुत ज्यादा था क्योंकि पंजाब के जिस प्रकार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य हो रहे हैं इसके कारण आम लोग बताते थे कि माइनिंग पॉलिसी में बदलाव होना चाहिए।
फिर पंजाब सरकार ने सभी स्टेकहोल्डर जिसमें बिल्डर, लैंड क्रेशर माइनिंग से जुड़े लोगों के साथ मीटिंग की उनके फीडबैक के आधार पर यह नई पॉलिसी बनाई गई। आहलुवालिया ने कहा कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि पॉलिसी के अंदर शुरू से लेकर अंत तक की प्रक्रिया में पूरी तरह डिजिटाइजेशन कर दी गई है, जिससे भ्रष्टाचार होने की संभावना बिल्कुल खत्म हो गई है क्योंकि अब इलेक्ट्रिक मीटर रेत की मात्रा घंटे के हिसाब से बता देगा।
उन्होंने कहा कि पहले दो साइट्स होती थी, एक कमर्शियल साइट और दूसरा पब्लिक साइट। लेकिन डिमांड इतनी ज्यादा थी कि लोगों को घर कानूनी ढंग से माइनिंग करने की आदत पड़ गई थी क्योंकि कोई मॉनिटरिंग की व्यवस्था नहीं थी। अब नई पॉलिसी में तीन और नए तरह के साइट्स बढ़ा दिए गए हैं। जिसमें पहला है लैंड क्रशर माइनिंग साइट, जिसके तहत अब क्रशर वालों को भी माइनिंग की इजाजत मिल गई है।
दूसरा है ‘लैंड ओनर मीनिंग साइट’, इसके तहत अगर किसी के पास माइनिंग के लिए अपनी जमीन है तो वह खुद वहां माइनिंग कर सकता है या करवा सकता है। और तीसरा है सरकारी जमीनें जिसके कस्टोडियन जिलों के डिप्टी कमिश्नर होते हैं, उसमें माइनिंग के लिए डीसी द्वारा एनओसी जारी किया जाएगा फिर वहां पर कानूनी प्रक्रिया के अनुसार संबंधित व्यक्ति या कंपनी माइनिंग कर सकता है। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के सरकारी जमीनों में लोक रात के अंधेरे में चोरी-छिपे माइनिंग कर जाते थे। अब ऐसा कुछ नहीं होगा।
आहलुवालिया ने कहा कि इतने साइट्स के बढ़ने के बाद अब डिमांड और सप्लाई का अंतर बहुत कम हो जाएगा या बराबर हो जाएगा जिससे लोगों को सस्ती कीमत पर पर्याप्त रेत मिल सकेगी और सरकार के खजाने में भी पैसा बढ़ कर आएगा क्योंकि जितनी साइट्स बढ़ेगी उतना रेवेन्यू बढ़ेगा।
विपक्षी पार्टियों की आलोचना करते हुए आहलूवालिया ने कहा कि अकाली सरकार के समय माइनिंग माफिया का बोलबाला था, वहीं
कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में उनके खुद के 35 से 40 विधायक और मंत्री माइनिंग का कारोबार चलाते थे। कैप्टन ने इसकी एक रिपोर्ट भी अपने हाईकमान को भेजी थी लेकिन आज तक उन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद भारतीय जनता पार्टी में चले गए हैं जो पूरे देश में सैंड माफिया के लिए जानी जाती है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में माइनिंग साइट का रेट 70 पैसे स्क्वायर फीट के हिसाब से रखा गया था जिसमें बजरी भी निकाल सकते थे। आप सरकार ने इसको बढ़ाकर ने 1 रुपए 75 पैसे प्रति स्क्वायर फीट कर दिया और 3 रुपए 15 पैसे बजरी का कर दिया है। इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा, कीमतें भी कम होगी और डिमांड व सप्लाई का अंतर खत्म होगा।
आप प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि मान सरकार में लोगों को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन और मुफ्त इलाज दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप सरकार आने से पहले पंजाब में माफिया राज था। शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बचता था जिसमें माफिया न हो। राज्य में हर जगह ट्रांसपोर्ट माफिया, नशा माफिया, लैंड माफिया और सैंड माफिया का बोलबाला था। मान सरकार आने के बाद सभी माफिया अंकुश लगा।
उन्होंने कहा कि आप सरकार ने अब जो नई माइनिंग पॉलिसी लेकर आई है वह माफिया की पॉलिसी नहीं, बल्कि आम आदमी की माइनिंग पॉलिसी है। इससे डिमांड और सप्लाई का डिफरेंस कम होगा। लोगों को सस्ती रेत मिलेगी। गैर-कानूनी माइनिंग पर रुकावट लगेगी, सरकार के खजाने में रेवेन्यू आएगा और मोनोपॉली खत्म होगी।

पंजाब
पंजाब की मंडियों अब तक 4.19 लाख मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाः लाल चंद कटारूचक

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि पंजाब में इस बार गेहूं की बंपर फसल हुई है, जिससे 124 लाख मीट्रिक टन केंद्रीय पूल लक्ष्य को आसानी से हासिल करने में मदद मिलेगी।
खरड़ मंडी में गेहूं खरीद कार्यों का जायजा लेते हुए मंत्री ने कहा कि अब तक राज्य की मंडियों में 4.19 लाख मीट्रिक टन गेहूं आ चुका है और 3.22 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है। किसानों के खातों में 151 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
24 घंटे केअंदर किया जा रहा भुगतान
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार जहां फसल खरीद के 24 घंटे के अंदर भुगतान किया जा रहा है, वहीं उठान में भी कोई कमी नहीं आई है। मंत्री ने बताया कि इस बार गेहूं की गुणवत्ता बहुत उच्च स्तर की रही है तथा एजेंसियों के साथ-साथ आढ़तियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे फसल को खराब मौसम से बचाने के लिए तिरपाल और क्रेटों का पुख्ता प्रबंध करें। इसके अलावा बारदाना की भी कोई कमी नहीं आई है।
भंडारण क्षमता को बढ़ा रही है राज्य सरकार
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भंडारण क्षमता को 31 लाख मीट्रिक टन बढ़ा रही है तथा इस बार केंद्रीय एजेंसियां अगले कुछ दिनों में 15 लाख मीट्रिक टन फसल सीधे मंडियों से ही उठा लेंगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसानों को मंडियों में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी तथा वे मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार प्रबंधों की स्वयं समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खरीद कार्य से जुड़े अधिकारियों को किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसानों और आढ़तियों को मंडियों में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
पंजाब
राजस्व विभाग में लोगों की परेशानी कम करने के लिए मान सरकार ने लिया अहम फैसला

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राजस्व विभाग में लोगों की परेशानी कम करने के लिए अहम फैसला लिया है। अब इंतकाल, नकल, आय प्रमाण पत्र, राजस्व रिकॉर्ड जांच या NOC प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राजस्व विभाग में 1 लाख 70 हजार आवदेन मिले थे। इनमें से कुल 26,658 आवेदन लंबित हैं। इन लंबित आवेदनों को 30 अप्रैल तक निपटाने के आदेश भी संबंधित अधिकारियों को दे दिए गए हैं।
1 मई से होंगे बड़े बदलाव
वहीं, इसके साथ ही 1 मई से राजस्व विभाग में बड़े बदलाव भी देखने को मिलेंगे। मान सरकार ने इंतकाल और नकल निकलवाने जैसे कामों के लिए समय नई समय सीमा तय कर दी है। जहां पहले इतंकाल दर्ज करने का समय 45 दिन था। इसे घटाकर 30 दिन किया गया है। वहीं, एक मई से नकल मिलने में 10 दिन लगेंगे।आय प्रमाण पत्र बनने में 15 दिन का समय लगेगा। वहीं, राजस्व रिकॉर्ड की जांच में अब केवल 7 दिन का समय लगेगा।
पंजाब
मान सरकार का ऐतिहासिक फैसला, पंजाब के 500 सरकारी स्कूलों को मिलेंगे नए प्रिंसिपल

पंजाब की मान सरकार राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार काम कर रही है। वहीं, स्कूल प्रिंसिपलों की कमी को दूर करने और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने स्कूल प्रिंसिपलों के लिए पदोन्नति कोटा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है। इस निर्णय से राज्य के स्कूलों में 500 नए प्रधानाचार्यों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।
पिछली सरकार में घटाया गया था कोटा
पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में प्रधानाचार्यों की पदोन्नति का कोटा घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया था, जिसके कारण पंजाब के सरकारी स्कूलों में प्रधानाचार्यों की भारी कमी हो गई थी। इस परिवर्तन से न केवल वरिष्ठ शिक्षकों के लिए पदोन्नति के अवसर बाधित हुए, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में देरी और कानूनी विवादों के कारण भारी रिक्तियां भी उत्पन्न हुईं।
पिछली सरकार की विफलताओं पर प्रकाश डालते हुए पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “2018 में कांग्रेस सरकार ने नियमों में बदलाव किया, जिससे प्रिंसिपलों के लिए पदोन्नति कोटा 75 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। इस अन्यायपूर्ण बदलाव ने शिक्षकों को उनकी उचित पदोन्नति से वंचित कर दिया और कई स्कूलों को प्रिंसिपल विहीन कर दिया। वहीं इसके कारण नियुक्तियों का एक लंबित मामला कानूनी चुनौतियों में फंस गया, जिससे समस्या और जटिल हो गई।”
शिक्षकों के अधिकारों को करेगा बहाल
मंत्री बैंस ने प्रिंसिपलों के लिए 75 प्रतिशत पदोन्नति कोटा बहाल करने के पंजाब सरकार के फैसले की घोषणा की, जिससे बड़ी संख्या में योग्य वरिष्ठ अध्यापकों को स्कूलों में नेतृत्व की भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, “इस निर्णय से राज्य भर में लगभग 500 नए प्रधानाचार्यों की पदोन्नति हो सकेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि हमारे स्कूलों में शैक्षिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी शिक्षक होंगे। यह हमारे शिक्षकों के अधिकारों को भी बहाल करता है, जिन्हें पिछली सरकार ने अन्यायपूर्ण तरीके से छीन लिया था।”
मंत्री ने कहा कि आप सरकार ने पंजाब की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने, शिक्षकों को सशक्त बनाने और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने को लगातार प्राथमिकता दी है। यह ऐतिहासिक निर्णय शिक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक चुनौतियों के समाधान में मददगार साबित होगा।
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