पंजाब
आप सांसद मलविंदर कंग ने किसानों से पंजाब के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना आंदोलन करने की अपील की

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने किसानों से अपने मुद्दे हल करने के लिए सहयोगात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की सीमाएं एक साल से अधिक समय से अवरुद्ध हैं, जिससे बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है, निवेश कम हुआ है और पर्यटन में गिरावट आई है।
कंग ने कहा, “हर पंजाबी किसानों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। चाहे वह काले कृषि कानून हों या कोई अन्य चुनौती, पंजाब के लोगों-शहरी, ग्रामीण, युवा, किसान, मजदूर और व्यापारीयों ने पूरे दिल से किसान आंदोलनों का समर्थन किया है। काले कृषि कानूनों को निरस्त करना एकता माध्यम से ही हासिल की गई जीत थी।”
कंग ने पंजाब पर लंबे समय तक सीमा बंद रहने के प्रतिकूल प्रभावों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, “पंजाब की सीमाएं बंद होने से खासकर शंभू में, न केवल धार्मिक पर्यटन प्रभावित हुआ है बल्कि दरबार साहिब जैसे पवित्र स्थानों पर जाने वाले भक्तों की संख्या में भी गिरावट आई है। सबसे बड़ी चुनौती निवेश की कमी है, जो सीधे तौर पर औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन से जुड़ा है। यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि बेरोजगारी पंजाब में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के मूल कारणों में से एक है।”
उन्होंने कृषक समुदाय से अपने संघर्ष के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया और कहा कि किसानों की अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं। इसलिए हमें अपनी सीमाओं को अवरुद्ध करके पंजाब को और अधिक आर्थिक नुकसान पहुंचाने के बजाय इस लड़ाई को दिल्ली ले जाने की जरूरत है। इस नाकाबंदी के कारण पंजाब की अर्थव्यवस्था, निवेश और पर्यटन को नुकसान हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का समाधान पंजाब में अधिकतम निवेश और औद्योगिक विकास लाने में निहित है। हम अनजाने में अपने राज्य में संभावित निवेश को रोक रहे हैं। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी रणनीतियां पंजाब के विकास और समृद्धि को नुकसान न पहुंचाएं।
किसानों के प्रति अपना समर्थन दोहराते हुए कंग ने कहा कि हम अपने किसान भाइयों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करें और अपनी लड़ाई को केंद्र सरकार के पास स्थानांतरित करें। उन्होंने कहा कि आइए हम अपने राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाए बिना पंजाब की बेहतरी के लिए एकजुट हों।

पंजाब
खन्ना के सरकारी स्कूल में मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने शूटिंग रेंज का किया उद्घाटन

पंजाब सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ-साथ खेलों में आगे बढ़ने के लिए हर सुविधा प्रदान रही है। इसी कड़ी में कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने पंजाब शिक्षा क्रांति कार्यक्रम के तहत गुरूवार को राघवीर
खन्ना के एक सरकारी हाई स्कूल में शूटिंग रेंज का उद्घाटन किया।
पांच लक्ष्यों वाली इस शूटिंग रेंज का निर्माण 5 लाख रुपये की लागत से किया गया है। लुधियाना जिले में सरकारी स्कूल के अंदर बनी यह पहली शूटिंग रेंज है। शूटिंग रेंज के अलावा खन्ना विधानसभा क्षेत्र के पांच सरकारी प्राथमिक और उच्च विद्यालयों में 71.15 लाख रुपये की लागत से बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं समर्पित की गई हैं।
युवा खिलाड़ी होंगे तैयार
मंत्री सौंद ने कहा कि पंजाब के निशानेबाज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहे हैं। स्कूली स्तर पर शूटिंग प्रशिक्षण की स्थापना से युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक पदक जीतने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य भर के सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रही है।
विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उन्हें गर्व होना चाहिए कि वे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी हैं, क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा उन्हें दी जा रही सुविधाएं कई निजी स्कूलों से बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के मानक को बहुत ऊंचा उठाया गया है और आने वाले दिनों में भी इस संबंध में प्रयास जारी रहेंगे।
पंजाब
अमन अरोड़ा ने पंजाब विरोधी ताकतों को बढ़ावा देने के लिए प्रताप बाजवा को घेरा, कांग्रेस- भाजपा से मांगा स्पष्टीकरण

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे बेतुके बयान दिए हैं, जिससे पंजाब की शांति को खतरा पैदा हुआ है। बाजवा का बयान राज्य के विरोधियों के एजेंडे से मेल खाता है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और भाजपा से इन भड़काऊ टिप्पणियों, विशेषकर गुरपतवंत पन्नू जैसे व्यक्तियों द्वारा समर्थन करने पर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा।
राजनीतिक एजेंडे को बढ़ा रहे आगे
अरोड़ा ने बाजवा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब हैं। इसलिए वे अब खतरनाक बयानबाजी कर रहे हैं। ये राजनेता लोगों के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए निराधार बयानबाजी में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां न केवल राज्य की सुरक्षा को कमजोर करती हैं, बल्कि लोगों में भय और दहशत भी पैदा करती हैं।
अरोड़ा ने पंजाब में ग्रेनेडों के कथित तौर पर प्रवेश करने संबंधी प्रताप बाजवा के बयान की आलोचना की और कहा, बाजवा ने इन दावों को खुफिया रिपोर्टों से जोड़ते हुए कहा था कि उनके स्रोत विश्वसनीय हैं, हालांकि बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी जानकारी एक अखबार की रिपोर्ट से प्राप्त हुई थी। अगर बाजवा ने यह स्वीकार कर लिया होता कि उनका स्रोत ‘दैनिक भास्कर’ की एक खबर है तो स्थिति वहीं खत्म हो गई होती। इसके बजाय उन्होंने सनसनीखेज दावे करने और डर फैलाने का विकल्प चुना।
राज्य की संस्थाओं के प्रति जनता का विश्वास कम करने की कोशिश
अरोड़ा ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि एक अनुभवी राजनेता होने के बावजूद बाजवा जिम्मेदारी से काम करने के बजाय राज्य की संस्थाओं के प्रति जनता का विश्वास कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बाजवा को पंजाब पुलिस के साथ सहयोग करने और आगे भड़काऊ बयान ना देने की नसीहत दी और इसके लिए उन्होंने उच्च न्यायालय के निर्देश का भी हवाला दिया।
अरोड़ा ने कांग्रेस और भाजपा दोनों से मांग की कि वे इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या वे बाजवा की खतरनाक टिप्पणियों और गुरपतवंत पन्नू द्वारा दिखाए गए समर्थन के साथ खड़े हैं। वहीं भाजपा को भी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो देश की शांति और स्थिरता के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
पंजाब
पंजाब की मंडियों अब तक 4.19 लाख मीट्रिक टन गेहूं पहुंचाः लाल चंद कटारूचक

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि पंजाब में इस बार गेहूं की बंपर फसल हुई है, जिससे 124 लाख मीट्रिक टन केंद्रीय पूल लक्ष्य को आसानी से हासिल करने में मदद मिलेगी।
खरड़ मंडी में गेहूं खरीद कार्यों का जायजा लेते हुए मंत्री ने कहा कि अब तक राज्य की मंडियों में 4.19 लाख मीट्रिक टन गेहूं आ चुका है और 3.22 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है। किसानों के खातों में 151 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
24 घंटे केअंदर किया जा रहा भुगतान
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार जहां फसल खरीद के 24 घंटे के अंदर भुगतान किया जा रहा है, वहीं उठान में भी कोई कमी नहीं आई है। मंत्री ने बताया कि इस बार गेहूं की गुणवत्ता बहुत उच्च स्तर की रही है तथा एजेंसियों के साथ-साथ आढ़तियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे फसल को खराब मौसम से बचाने के लिए तिरपाल और क्रेटों का पुख्ता प्रबंध करें। इसके अलावा बारदाना की भी कोई कमी नहीं आई है।
भंडारण क्षमता को बढ़ा रही है राज्य सरकार
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भंडारण क्षमता को 31 लाख मीट्रिक टन बढ़ा रही है तथा इस बार केंद्रीय एजेंसियां अगले कुछ दिनों में 15 लाख मीट्रिक टन फसल सीधे मंडियों से ही उठा लेंगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसानों को मंडियों में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी तथा वे मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार प्रबंधों की स्वयं समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खरीद कार्य से जुड़े अधिकारियों को किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसानों और आढ़तियों को मंडियों में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
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