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केजरीवाल को जान से मारने की हो रही गहरी साजिश, भाजपा और अमित शाह से उनको खतरा- सीएम आतिशी

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को मिली पंजाब पुलिस की सुरक्षा पुनः बहाल करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीएम आतिशी और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। सीएम आतिशी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की साजिश हो रही है, उनको भाजपा और अमित शाह से खतरा है। अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में पंजाब पुलिस अहम भूमिका निभा रही थी, लेकिन भाजपा ने साजिश कर चुनाव से ठीक पहले हटवा दिया। अभी तक अरविंद केजरीवाल के ऊपर जब-जब हमला हुआ है, तब-तक हमलावर भाजपा के कार्यकर्ता निकले हैं और पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि भाजपा यह जो अरविंद केजरीवाल के ऊपर हमले करवा रही है, उससे दिल्ली की जनता का उनके लिए प्यार और बढ़ रहा है।
केजरीवाल को जान से मारने की बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है- सीएम आतिशी
‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से पंजाब पुलिस की सुरक्षा केंद्र सरकार के आदेश पर हटाए जाने को लेकर दिल्ली की सीएम आतिशी और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने संयुक्त प्रेसवार्ता की। सीएम आतिशी ने कहा कि इस वक्त अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की एक बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है। इस साजिश में दो खिलाड़ी हैं। एक तरफ भाजपा के कार्यकर्ता हैं जो अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली के अलग-अलग जगहों में जाकर हमला करते हैं, पत्थर फेंकते हैं, डंडे लेकर आते हैं और स्पिरिट के स्प्रे करते हैं। जबिकि दूसरा खिलाड़ी साजिशकर्ता भाजपा है और गृहमंत्री अमित शाह के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस है।
केजरीवाल पर लगातार हमले हो रहे, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही- सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा और दिल्ली पुलिस की इस जुगलबंदी से अरविंद केजरीवाल की जान लेने की साजिश हो रही है। हम लगातार देख रहे हैं कि एक के बाद एक अरविंद केजरीवाल पर हमले हो रहे हैं। 24 अक्टूबर को विकासपुरी में दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे अरविंद केजरीवाल पर हमला हुआ। जब सोशल मीडिया पर जांच की गई तो हमलवार भाजपा का कार्यकर्ता निकला। क्योंकि भाजपा का कार्यकर्ता था, इसलिए दिल्ली पुलिस के साथ जुगलबंदी फिर से सामने आई और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 30 नवंबर को अरविंद केजरीवाल पर फिर हमला हुआ। जब वह मालवीय नगर में एक पब्लिक इवेंट के लिए जा रहे थे, वहां उन पर हमला करने की कोशिश की गई।
हरि नगर में केजरीवाल की गाड़ी तक हमलावर पहुंच गए, लेकिन पुलिस ने नहीं रोका- सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि इसी तरह 18 जनवरी को नई दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर पत्थर फेंके गए। पुलिस ने जांच नहीं की। लेकिन जब हमने खुद सोशल मीडिया पर जांच की तो पता चला कि सारे हमलावर भाजपा के पदाधिकारी थी। फिर से भाजपा और दिल्ली पुलिस की यह जुगलबंदी सामने आई। दिल्ली पुलिस ने न तो भाजपा के कार्यकर्ताओं को रोका और ना ही उनके खिलाफ एक्शन लिया। गुरुवार को हरिनगर में अरविंद केजरीवाल की गाड़ी तक हमलावर पहुंच गए लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें नहीं रोका। काली बाड़ी में अरविंद केजरीवाल अपनी विधानसभा में प्रचार करने जा रहे थे, वहां बसें भरकर उनकी गाड़ी पर हमला करने के लिए पत्थरों और डंडों के साथ भाजपा के कार्यकर्ता लाए गए। “आप” सांसद संजय सिंह को वहां जाकर उस हमले को रोकना पड़ा, लेकिन दिल्ली पुलिस सामने आई। एक बार फिर से दिल्ली पुलिस और भाजपा की जुगलबंदी सामने आई।
भाजपा और अमित शाह का एक ही मकसद, किसी भी तरह केजरीवाल को खत्म करना- आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा, दिल्ली पुलिस और अमित शाह कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल के पास जेड प्लस सुरक्षा है। मैं पूछना चाहती हूं कि इस देश के इतिहास में क्या कोई ऐसा जेड प्लस सिक्योरिटी का प्रोटेक्टी रहा है जिसकी गाड़ी की पत्थर फेंके गए हों और पुलिस सामने नहीं आई हो। क्या कोई ऐसा जेड प्लस सिक्योरिटी का प्रोटेक्टी रहा है जिस पर कोई पदार्थ फेंक देता है और पुलिस वाले वहां मौजूद होते हैं लेकिन वो उसे रोकते व पकड़ते नहीं है। क्या कोई जेड प्लस सिक्योरिटी का प्रोटेक्टी रहा है जिसकी गाड़ी पर पत्थरों और डंडों से हमला किया जाता है लेकिन पुलिस हमलावरों को रोकती नहीं है? यह अरविंद केजरीवाल के साथ क्यों हो रहा है? क्योंकि अरविंद केजरीवाल को सुरक्षा देने की जिम्मेदार दिल्ली पुलिस, भाजपा और अमित शाह के अधीन आती है। भाजपा और अमित शाह का एक ही मकसद है कि किसी भी तरह से अरविंद केजरीवाल को खत्म कर देना।
तिहाड़ जेल में भी भाजपा ने इंसुलिन रूकवा कर केजरीवाल को मारने की साजिश की – सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि हमने देखा था जब अरविंद केजरीवाल को झूठे मुकदमे में गिरफ्तार किया गया तो यही भाजपा, इनके एलजी और इनका तिहाड़ प्रशासन अरविंद केजरीवाल की इंसुलिन को रोकने वाले में से था। अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल 400 तक पहुंच गया लेकिन भाजपा ने उन्हें इंसुलिन नहीं मिलने दी। भाजपा बार-बार अपने कार्यकर्ताओं, अपने प्रशासन और अपनी पुलिस के माध्यम से अरविंद केजरीवाल पर जानलेवा हमले और षड्यंत्र करती है। इसीलिए अरविंद केजरीवाल की सिक्योरिटी में पंजाब पुलिस उनको सुरक्षा देने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी। लेकिन भाजपा ने साजिश करके चुनाव से 10 दिन पहले जब अरविंद केजरीवाल पर रोज हमले हो रहे हैं, तब पंजाब पुलिस को हटा दिया जाता है।
दिल्ली वाले अरविंद केजरीवाल पर हो रहे इन हमलों के लिए भाजपा को माफ नहीं करेंगे- सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि मैं भाजपा को कहना चाहती हूं कि दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल से प्यार करते हैं। दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल को अपना बेटा और भाई मानते हैं। हर हमला जो तुम अरविंद केजरीवाल पर करते हो, हर पत्थर जो अरविंद केजरीवाल पर फेंकते हो, हर लाठी जो अरविंद केजरीवाल पर चलाने की कोशिश करते हो, उससे दिल्ली के लोगों का प्यार और वोट अरविंद केजरीवाल के लिए बढ़ता है और भाजपा का एक-एक वोट कम होता है। दिल्ली वाले अरविंद केजरीवाल पर हो रहे इन हमलों के लिए भाजपा को माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मान और मैंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल की पंजाब पुलिस की सिक्योरिटी को वापस करने की मांग की है। साथ ही, हमने अरविंद केजरीवाल की सिक्योरिटी का एक उचित ऑडिट और उनके हमलावरों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
आज तक अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में मौजूद किसी पुलिसवाले पर एक्शन नहीं हुआ- सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को खतरा भाजपा और अमित शाह से है। भाजपा के कार्यकर्ताओं और दिल्ली पुलिस की जुगलबंदी चल रही है। हर किसी ने देखा कि जिन व्यक्तियों ने नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल पर हमला किया, वह भाजपा के पदाधिकारी थे। जिन्होंने विकासपुरी में हमला किया, वह भी भाजपा के पदाधिकारी थे। आज तक एक भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आज तक अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में मौजूद किसी पुलिसवाले पर एक्शन नहीं हुआ। अगर अरविंद केजरीवाल को खतरा है तो वह भाजपा, अमित शाह और उनकी दिल्ली पुलिस और कार्यकर्ताओं से है।
हमारी शिकायत के बाद भी दिल्ली पुलिस हमलावरों पर एफआईआर नहीं दर्ज करती है- भगवंत मान
इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पिछले कई दिनों से जब भी अरविंद केजरीवाल पब्लिक मीटिंग में जाते हैं, तो उन पर पत्थर, लाठियां और पेट्रोल जैसे तरल पदार्थ फेंके जाते हैं। किसी न किसी तरह से हाथापाई की कोशिश की जाती है या गाड़ी के पास पहुंचकर हंगामा किया जाता है। लेकिन दिल्ली पुलिस एफआईआर नहीं लिखती है और अगर हम ऐसा करने वालों के नाम भी बता दें तो भी वह शिकायत नहीं लिखते हैं। क्योंकि उन्हें ऊपर से निर्देश हैं कि अरविंद केजरीवाल को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया जाए, ताकि वो डर कर बैठ जाएं और प्रचार के लिए न निकलें। हमारी पंजाब पुलिस के पास इस बात का ठोस सबूत था कि अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली और पंजाब में हमला हो सकता है, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने अरविंद केजरीवाल को सुरक्षा दी।
जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति कहीं भी जाए, उसे वहां उस स्तर की सुरक्षा दी जाती है- भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि यह तो केवल वो घटनाएं हैं जो हो गईं और सबके सामने आ गईं। लेकिन पंजाब पुलिस की तैनाती की वजह से इनके कई और प्लान फेल हो गए और हमारी पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया। तब इनके आकाओं को पता चला कि ये तो गलत हो रहा है और जैसा सोचा था वैसा नहीं हो रहा। तो उन लोगों ने अरविंद केजरीवाल की पंजाब पुलिस सुरक्षा को हटाने का आदेश दे दिया। जिस व्यक्ति को जेड प्लस सुरक्षा दी गई हो, वो देश में कहीं भी जाए, उसे उस लेवल की सुरक्षा देनी पड़ती है। अभी यहां उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंच चुके हैं। इसके अलावा राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आए हैं। यह सभी लोग अपने राज्य से सुरक्षा लेकर आए हैं। यहां आने के बाद भी उन्हें दिल्ली की पुलिस और जेड प्लस प्लस श्रेणी की केंद्रीय सुरक्षा मिलती है।
ये लोग केजरीवाल से जीत नहीं पा रहे तो उनको शारीरिक नुकसान पहुंचाना चाहते हैं- भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि काफी दिनों से यह साजिशें चल रही थीं कि अरविंद केजरीवाल से वैसे तो नहीं जीत सकते। न तो ये लोग विचारधारा में जीत सकते हैं, न एजेंडे में और न ही लोगों के प्यार के मामले में जीत सकते हैं। इसलिए ये लोग अरविंद केजरीवाल को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। जैसे कहावत है कि कई बार जब कुछ पहलवान हारने लगते हैं तो गलत हथकंडे अपनाने लगते हैं। कोई कान काट लेता है, कोई गर्दन नोचता है। ये इन्हीं घटिया हथकंडों पर आ गए। यह लोकतंत्र है, अगर इनमें हिम्मत है तो ये एजेंडे पर चुनाव लड़ें। राजनीति अलग है, लेकिन अगर आप किसी की जान लेने पर उतारू हो तो यह बहुत गलत बात है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ने भी पंजाब सरकार से पुलिस की मदद मांगी थी और हमने दी थी- भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है कि अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा उन्हें वापस लौटाई जाए। दिल्ली पुलिस की बागडोर गृहमंत्री अमित शाह के पास है, जिसने इतनी घटनाओं के बाद भी हमारी शिकायत तक नहीं लिखी। हमें उसपर यकीन नहीं है। जब बंगाल में पंचायत के चुनाव हुए तो वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुझे फोन करके कहा कि चुनाव में लगाई गई केंद्र सरकार की सुरक्षा पर उन्हें यकीन नहीं है। क्या आप हमें अलग से पंजाब पुलिस की सुरक्षा दे सकते हैं? जिसके बाद हमने पंजाब पुलिस के अलग-अलग फोर्स के 5 हजार जवान, अधिकारी और सिपाही बंगाल भेजे। सच्चाई यह है कि इन पर किसी को यकीन ही नहीं है। उन्होंने कहा था कि ये लोग घपला करवाते हैं। ममता बनर्जी ने यहां तक कहा था कि ये लोग मेरा चुनाव लूट कर ले जाएंगे। तो पंजाब से हमारी पुलिस बंगाल में चुनाव कराने गई। जिसका खर्च वहां की सरकार ने हमें दिया।
ये लोग किसी भी तरह से दिल्ली का चुनाव जीतना चाहते हैं- भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि अब दिल्ली पुलिस और डीएम भी भाजपा के कार्यकर्ता बन गए हैं। उनको ऊपर से आदेश आ गए हैं कि अगर आपको भविष्य में तरक्की करनी है तो इस बार दिल्ली जितवा दो। जबरदस्ती आप दिल्ली कैसे जीत लोगे? डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग वोट करेंगे। पहले इन्होंने फर्जी वोट बनवाकर और असली वोट कटवाकर जीतने की कोशिश की, उसमें कामयाब नहीं हो सके तो अब ये इस स्तर पर गिर गए हैं कि डंडे और रॉड चला रहे हैं। हम इन घटनाओं की निंदा करते हैं, और सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए। हमने चुनाव आयोग को लिखा है कि हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष मैदान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सीधा कहा जा रहा है कि आप गली में आओगे तो आप पर पेट्रोल और पत्थर फेंका जाएगा या वहीं डंडे-लाठियां लिए गुंडे खड़े हैं। चुनाव आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए। यह निष्पक्ष चुनाव नहीं है। अगले 10 दिन प्रचार चलेगा, इसलिए चुनाव आयोग कम से कम इन दस दिनों के लिए अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा वापस करे। अरविंद केजरीवाल एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रधान हैं, उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए। जो सुरक्षा हमें मिल रही है, अगर हम उससे संतुष्ट नहीं हैं तो हमें उसका विकल्प भी मिलना चाहिए।
दिल्ली की सीएम आतिशी और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और उनकी सुरक्षा में जानबूझकर कई खामियां देखी जा रही हैं। यह खामियां कोई अकेली घटना नहीं हैं, बल्कि एक बड़े और सुनियोजित प्रयास का हिस्सा लगती हैं, जिसका उद्देश्य उनकी सुरक्षा को खतरे में डालना है।
अरविंद केजरीवाल पर पिछले तीन महीनों में कई बार जानबूझकर हमले हुए हैं और ये सभी हमले दिल्ली पुलिस की सीधी निगरानी में हुए हैं। जिससे हमारी चिंताएं और बढ़ गई हैं। 24 अक्टूबर को विकासपुरी में एक कार्यक्रम के दौरान हमलावरों ने दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे अरविंद केजरीवाल के करीब पहुंचने और उन पर हमला करने की कोशिश की। 30 नवंबर को मालवीय नगर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान हमलावरों ने उनकी सुरक्षा को तोड़ते हुए उन पर हमला करने की कोशिश की और यह सब दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में हुआ। 18 जनवरी को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में एक राजनीतिक रैली के दौरान अरविंद केजरीवाल पर पत्थर फेंके गए, जिससे उनकी जान और वहां मौजूद लोगों की जान खतरे में पड़ गई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और हमले को रोकने में विफल रही। 23 जनवरी को अज्ञात लोगों ने जानबूझकर उनके वाहन काफिले को रोका, जिससे दिल्ली पुलिस की मंशा और उनकी प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठते हैं। दिल्ली पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की।
ये घटनाएं बताती हैं कि अरविंद केजरीवाल को किन गंभीर खतरों का सामना करना पड़ा है। यह बहुत ही चौंकाने वाली बात है कि इन सभी घटनाओं के दौरान दिल्ली पुलिस के जवान वहां मौजूद थे। वे सिर्फ मूक दर्शक बने रहे और अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा करने की कोई कोशिश नहीं की।
अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में एक अहम और विश्वसनीय हिस्सा पंजाब पुलिस को बिना किसी सलाह या कारण के अचानक हटा लिया गया है। यह लापरवाह और राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसला अरविंद केजरीवाल को पूरी तरह से दिल्ली पुलिस पर निर्भर छोड़ रहा है, जो सीधे केंद्र में भाजपा की सरकार द्वारा नियंत्रित है।
अरविंद केजरीवाल भाजपा की केंद्रीय सत्ता को चुनौती देने वाले सबसे प्रमुख विपक्षी नेता हैं। जब उनकी सुरक्षा पूरी तरह से भाजपा द्वारा नियंत्रित पुलिस के हाथों में छोड़ दी जाती है, तो उनकी जान को बिना किसी कारण के खतरे में डाला जा रहा है। हमें गहरी चिंता है कि इस तरह का जानबूझकर किया गया कदम किसी अनहोनी घटना को जन्म दे सकता है, जिसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
बार-बार हो रहे हमले, दिल्ली पुलिस की खुली लापरवाही और पंजाब पुलिस की सुरक्षा हटाए जाने से साफ दिखता है कि यह एक सोची-समझी कोशिश है, जो अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए की जा रही है। यह सिर्फ उनके जीवन के लिए खतरा नहीं है बल्कि सीधे लोकतंत्र पर हमला है।
इन चिंताजनक घटनाओं को देखते हुए हम तुरंत भारत निर्वाचन आयोग से अपील करते हैं कि
1. अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा व्यवस्था की तुरंत और पूरी तरह से समीक्षा करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत कदम उठाएं।
2. उनकी सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस की मौजूदगी फिर से बहाल करें या बढ़ाएं, ताकि उन्हें विश्वसनीय और निष्पक्ष सुरक्षा मिल सके।
चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का रक्षक माना जाता है और उसका एक नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य है कि वह राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे, विशेषकर उन नेताओं की जिनपर गंभीर खतरा है। अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा को ऐसे पुलिस बल के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता, जो स्पष्ट रूप से प्रभावित और पक्षपाती है।
हमें विश्वास है कि चुनाव आयोग इस मौके पर अपनी ज़िम्मेदारी निभाएगा और अरविंद केजरीवाल को किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाने के लिए तुरंत और ठोस कदम उठाएगा ताकि लोकतंत्र के सिद्धांतों की रक्षा हो सके।

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ट्रम्प द्वारा चीन पर व्यापार युद्ध का दबाव बढ़ाए जाने से वैश्विक शेयर बाजारों में उछाल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दर्जनों देशों पर लगाए गए भारी शुल्क को रोकने के आश्चर्यजनक निर्णय ने गुरुवार को वैश्विक शेयर बाजारों में उछाल ला दिया, जबकि उन्होंने दुनिया की नंबर 2 अर्थव्यवस्था चीन के साथ व्यापार युद्ध को और तेज कर दिया। बुधवार को ट्रंप का यह फैसला, जो कि अधिकांश व्यापारिक साझेदारों पर नए टैरिफ लागू होने के 24 घंटे से भी कम समय बाद आया, कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों के बाद से वित्तीय बाजार में सबसे अधिक अस्थिरता के बाद आया।
इस उथल-पुथल ने शेयर बाजारों से खरबों डॉलर मिटा दिए और अमेरिकी सरकारी बॉन्ड यील्ड में एक अस्थिर उछाल आया जिसने ट्रंप का ध्यान आकर्षित किया। घोषणा के बाद ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे लगा कि लोग थोड़ा सा लाइन से हट गए हैं, वे खुश हो रहे हैं, आप जानते हैं,” उन्होंने खेल जगत के लोगों में कभी-कभी होने वाली घबराहट का जिक्र किया। इस खबर के बाद अमेरिकी शेयर सूचकांक में तेजी आई और बेंचमार्क एसएंडपी 500 सूचकांक 9.5% ऊपर बंद हुआ। बॉन्ड यील्ड पहले के उच्च स्तर से नीचे आ गई और डॉलर सुरक्षित मुद्राओं के मुकाबले फिर से मजबूत हुआ।
गुरुवार को एशियाई बाजारों में राहत फैल गई, जब जापान के निक्केई सूचकांक में लगभग 9% की वृद्धि हुई, जबकि यूरोपीय वायदा भी तेजी से उछाल दिखा रहा था। यहां तक कि चीनी शेयरों में भी उछाल आया, जो राज्य के समर्थन की उम्मीद से समर्थित था।
जनवरी में व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से, ट्रम्प ने बार-बार व्यापारिक साझेदारों पर दंडात्मक उपायों की एक श्रृंखला की धमकी दी है, केवल अंतिम समय में उनमें से कुछ को वापस लेने के लिए। बार-बार शुरू होने वाले दृष्टिकोण ने विश्व नेताओं को चकित कर दिया है और व्यापार अधिकारियों को डरा दिया है।
यू.एस. ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने जोर देकर कहा कि देशों को सौदेबाजी की मेज पर लाने के लिए वापसी की योजना शुरू से ही थी। हालांकि, ट्रम्प ने बाद में संकेत दिया कि 2 अप्रैल की घोषणाओं के बाद से बाजारों में जो घबराहट फैल गई थी, वह उनकी सोच का कारक थी।
कई दिनों तक इस बात पर जोर देने के बावजूद कि उनकी नीतियां कभी नहीं बदलेंगी, उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं से कहा: “आपको लचीला होना होगा।”
लेकिन उन्होंने चीन पर दबाव बनाए रखा, जो अमेरिका में आयात का दूसरा सबसे बड़ा प्रदाता है। ट्रंप ने कहा कि वह चीनी आयात पर टैरिफ को 104% के स्तर से तुरंत बढ़ाकर 125% कर देंगे, जो आधी रात को लागू हुआ था। बीजिंग ने बुधवार को ट्रंप के पहले टैरिफ हमले से मेल खाते हुए अमेरिकी आयात पर 84% टैरिफ लगाया और दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते व्यापार विवाद में “अंत तक लड़ाई नहीं लड़ने” की कसम खाई। अन्य देशों पर लगाए गए टैरिफ पर ट्रंप का पलटवार भी पूर्ण नहीं है। व्हाइट हाउस ने कहा कि लगभग सभी अमेरिकी आयातों पर 10% कंबल शुल्क प्रभावी रहेगा। यह घोषणा पहले से लागू ऑटो, स्टील और एल्युमीनियम पर शुल्क को प्रभावित नहीं करती है। 90-दिवसीय फ्रीज कनाडा और मैक्सिको द्वारा भुगतान किए गए शुल्कों पर भी लागू नहीं होता है, क्योंकि उनके सामान अभी भी 25% फेंटेनाइल-संबंधित टैरिफ के अधीन हैं यदि वे यूएस-मेक्सिको-कनाडा व्यापार समझौते के मूल नियमों का पालन नहीं करते हैं। फिलहाल ये शुल्क लागू रहेंगे, जिसमें USMCA-अनुपालन वाले सामानों के लिए अनिश्चितकालीन छूट दी गई है।
ट्रंप के टैरिफ ने कई दिनों तक चली बिकवाली को बढ़ावा दिया, जिससे वैश्विक स्टॉक से खरबों डॉलर खत्म हो गए और अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड और डॉलर पर दबाव पड़ा, जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली की रीढ़ हैं। कनाडा और जापान ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे स्थिरता प्रदान करने के लिए कदम उठाएंगे – एक ऐसा काम जो आमतौर पर आर्थिक संकट के समय संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया जाता है।
विश्लेषकों ने कहा कि शेयर की कीमतों में अचानक उछाल से सभी नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है। सर्वेक्षणों में पाया गया है कि टैरिफ के प्रभाव के बारे में चिंताओं के कारण व्यापार निवेश और घरेलू खर्च में कमी आई है, और रॉयटर्स/इप्सोस सर्वेक्षण में पाया गया है कि चार में से तीन अमेरिकी आने वाले महीनों में कीमतों में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
ट्रंप के कदम के बाद गोल्डमैन सैक्स ने मंदी की संभावना को 65% से घटाकर 45% कर दिया, यह कहते हुए कि टैरिफ लागू रहने के कारण अभी भी समग्र टैरिफ दर में 15% की वृद्धि होने की संभावना है।
ट्रेजरी सचिव बेसेंट ने बाजार में उथल-पुथल के बारे में सवालों को टाल दिया और कहा कि अचानक उलटफेर ने उन देशों को पुरस्कृत किया है जिन्होंने प्रतिशोध से बचने के लिए ट्रम्प की सलाह पर ध्यान दिया था। उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रम्प ने टैरिफ का उपयोग अधिकतम बातचीत का लाभ उठाने के लिए किया था। बेसेंट ने संवाददाताओं से कहा, “यह उनकी शुरू से ही रणनीति थी।” “और आप यह भी कह सकते हैं कि उन्होंने चीन को बुरी स्थिति में धकेल दिया।”
बेसेंट देश-दर-देश बातचीत में मुख्य व्यक्ति हैं जो विदेशी सहायता और सैन्य सहयोग के साथ-साथ आर्थिक मामलों को संबोधित कर सकते हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रम्प ने जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं से बात की है, और वियतनाम के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को व्यापार मामलों पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की।
बेसेंट ने यह कहने से इनकार कर दिया कि 75 से अधिक देशों के साथ बातचीत में कितना समय लग सकता है।
ट्रम्प ने कहा कि चीन के साथ भी समाधान संभव है। लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि वे अन्य देशों के साथ बातचीत को प्राथमिकता देंगे।
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डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को छोड़कर अधिकांश देशों पर टैरिफ 90 दिनों के लिए रोक दिया

वैश्विक बाजार में मंदी का सामना करते हुए, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को अचानक 90 दिनों के लिए अधिकांश देशों पर अपने टैरिफ को वापस ले लिया, लेकिन चीनी आयात पर अपनी कर दर को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया।
यह अमेरिका और दुनिया के अधिकांश देशों के बीच अभूतपूर्व व्यापार युद्ध को अमेरिका और चीन के बीच सीमित करने का एक प्रयास प्रतीत होता है।
वैश्विक बाजारों में इस घटनाक्रम पर उछाल आया, लेकिन गैर-चीनी व्यापार भागीदारों पर टैरिफ कम करने की ट्रम्प की योजनाओं का सटीक विवरण तुरंत स्पष्ट नहीं हुआ।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीन को छोड़कर अपने कुछ टैरिफ में कमी की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयरों में तेजी आई।
एसएंडपी 500 में 0.7 प्रतिशत की पिछली गिरावट को मिटाने के बाद 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 2,000 अंक या 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और नैस्डैक कंपोजिट में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
निवेशक ट्रम्प से टैरिफ में ढील देने के लिए बेताब हैं, जिसके बारे में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे वैश्विक मंदी आ सकती है और मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। लेकिन ट्रम्प ने यह भी कहा कि वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं।
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भगवंत मान ने अपने आवास पर छापेमारी पर प्रतिक्रिया दी; दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग पर पंजाबियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर चुनाव आयोग (ईसी) की टीम द्वारा उनके आवास कपूरथला हाउस पर की गई छापेमारी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मान ने कहा, “आज चुनाव आयोग की एक टीम दिल्ली पुलिस के साथ कपूरथला हाउस में मेरे घर पर छापेमारी करने पहुंची। इस बीच, दिल्ली में भाजपा के सदस्य खुलेआम पैसे बांट रहे हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।”
उन्होंने आगे दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग पर भाजपा की कथित कार्रवाइयों पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मान ने जोर देकर कहा, “एक तरह से दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग पंजाबियों की छवि खराब करने के लिए भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं, जो बेहद निंदनीय है।” चल रही जांच के बीच उनकी टिप्पणियों ने राजनीतिक बहस को और तेज कर दिया है।
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