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पंजाब

फिक्की की कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने बजट में इंडस्टरीज़ के बकाए पैसे रिलीज़ करने का किया ऐलान

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से चंडीगढ़ में “कैटालाइजिंग ग्रोथ ऑफ एमएसएमईज़ इन पंजाब थ्रू एमर्जिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस लैंडस्केप” विषय पर आयोजित कांफ्रेंस बुधवार देर शाम तक चली। इस कांफ्रेंस में पंजाब के वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा और पंजाब के इंडस्ट्री एंड कामर्स मंत्री स. तरुणप्रीत सिंह सौंद ने मुख्य मेहमान के रूप में शिरकत की, जबकि स. हरचंद सिंह बरसट चेयरमैन पंजाब मंडी बोर्ड और श्री नील गर्ग, चेयरमैन पंजाब मीडियम इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड ने विशेष रूप से शिरकत की। इसके साथ ही विभिन्न बैंकों, इंश्योरेंस कंपनियों, प्राइवेट कंपनियों, शिक्षण संस्थाओं के अधिकारियों, व्यापारियों सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।

इस दौरान वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने फिक्की द्वारा इस कांफ्रेंस के आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि इस प्रकार की कांफ्रेंसों के माध्यम से बहुत अच्छे सुझाव सामने आते हैं, जो बेहद लाभकारी साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा खर्चों को कम किया गया है और आमदन में वृद्धि की गई है। पंजाब की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में एमएसएमईज़ का बड़ा योगदान है और पंजाब में एमएसएमईज़ तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि पंजाब में अच्छा माहौल प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में विदेश जाने वालों में भारी गिरावट आई है, जिस कारण पहली बार शैक्षिक संस्थाओं में अतिरिक्त सीटें अलाट की हैं। उद्योगपतियों की मांग के संबंध में उन्होंने कहा कि इस बजट सत्र के दौरान अधिक से अधिक सब्सिडी और इंडस्ट्री यूनिट के पेंडिंग बकायों को विभिन्न तरीकों से रिलीज़ किया जाएगा, ताकि राज्य में इंडस्ट्री ओर अधिक विकसित हो सके।

कैबिनेट मंत्री स. तरुणप्रीत सिंह सौंद ने आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया और खुशी जाहिर करते हुए बताया कि वह निजी स्तर पर फिक्की के साथ बहुत पुराने समय से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि मोहाली को आईटी हब के रूप में विकसित करने जा रहे हैं और बड़ी कंपनियों से बातचीत पूरी हो चुकी है। जल्द ही आईटी पालिसी भी आ रही है और आईटी इंजीनियरों को रोजगार प्रदान करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जल्द ही पंजाब में तीन कन्वेंशन सेंटर स्थापित करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में उद्योग की तरक्की के लिए जोर-शोर से काम कर रही है।
स. हरचंद सिंह बरसट ने कहा कि नए स्टार्टअप्स के लिए बैंकों को आगे आना चाहिए और युवाओं को व्यापार शुरू करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने इंश्योरेंस कंपनियों को भी सुझाव दिया कि इंश्योरेंस के लिए नियमों को सरल बनाया जाए और आम लोगों को ध्यान में रखते हुए दरों को निर्धारित किया जाए। स. बरसट ने यह भी कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को जिला स्तर पर भी आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किए जा सकें।

इस अवसर पर दीपक नन्दा मैनेजिंग डायरेक्टर ट्राइडेंट ग्रुप, आर.के. मीना डीजीएम एसएलबीसी पंजाब, गौरव अग्रवाल रिजनल हैड कोटक महिंद्रा बैंक, जसविंदर सिंह डीजीएम पंजाब ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी, रामपवन कुमार चेयरमैन सीएमएसएमई फिक्की पंजाब, मनदीप सिंह को-चेयरमैन फिक्की सीएमएसएमई पंजाब, वीरेंद्रपाल सिंह मोंगिया रिजनल हैड एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक आफ इंडिया, बलबीर सिंह सीजीएम-रिजनल हैड एसआईडीबीआई, डॉ. अंकिता भारद्वाज प्रोग्राम चेयर स्कूल आफ कामर्स एनएमआईएमएस चंडीगढ़, मालविका अंडरराइटर ओरिएंटल इंश्योरेंस लिमिटेड, सुधीर कुमार जैन लेखक/बीमा ब्रोकर सहित स्टेट बैंक आफ इंडिया, आईडीबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक के वरिष्ठ अधिकारी समेत अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, मोहाली, पटियाला, बठिंडा के विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपति उपस्थित रहे।

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पंजाब

दिन 40-पुलिस ने 111 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया; 3.7 किलोग्राम हेरोइन और 98 हजार ड्रग मनी बरामद

पंजाब से नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर चलाए जा रहे नशे के खिलाफ युद्ध “युद्ध नशिया विरुद्ध” के 40वें दिन में प्रवेश करते हुए पंजाब पुलिस ने बुधवार को 111 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 3.7 किलोग्राम हेरोइन, 253 किलोग्राम चूरापोस्त और 98800 रुपये की ड्रग मनी बरामद की। इसके साथ ही, गिरफ्तार किए गए कुल नशा तस्करों की संख्या मात्र 40 दिनों में 5535 तक पहुंच गई है।

यह अभियान डीजीपी पंजाब गौरव यादव के निर्देश पर राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया।

विस्तृत जानकारी देते हुए शुक्ला ने बताया कि 77 राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में 1100 से अधिक पुलिस कर्मियों वाली 200 से अधिक पुलिस टीमों ने राज्य भर में 399 स्थानों पर छापेमारी की है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य भर में 66 प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने दिनभर चले अभियान के दौरान 437 संदिग्ध व्यक्तियों की भी जांच की।

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पंजाब

‘नशे के अभिशाप को मिटाने के लिए पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करें’: सीएम मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को पीपीएस के नव पदोन्नत अधिकारियों से राज्य से नशे के अभिशाप को मिटाने के लिए पूरी लगन और ईमानदारी से काम करने का आह्वान किया। तकनीकी कैडर के 17 नव पदोन्नत डीएसपी का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब नशे के खिलाफ देश की लड़ाई लड़ रहा है और पुलिस इसमें अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने में पुलिस अधिकारियों की बड़ी भूमिका है।

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब पुलिस को बेहतरीन बुनियादी सुविधाओं से लैस कर रही है और कानून व्यवस्था की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए इसे वैज्ञानिक आधार पर आधुनिक बना रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य होने के कारण राज्य के प्रति शत्रुतापूर्ण कई ताकतें राज्य की कड़ी मेहनत से अर्जित शांति को भंग करने के लिए नापाक मंसूबे बना रही हैं और राज्य के सामने आने वाली बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए यह जरूरी है कि पुलिस बल को जांच, विज्ञान और प्रौद्योगि

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पंजाब

पंजाब में लगभग 20 हजार किलोमीटर लम्बी सम्पर्क सड़कों का कायाकल्प : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को एक बड़े नागरिक केंद्रित फैसले में राज्य में 4000 करोड़ रुपये की लागत से 20,000 किलोमीटर लिंक सड़कों के निर्माण के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने की मंजूरी दे दी। आज यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुविधा प्रदान करना है क्योंकि ये लिंक सड़कें लोगों के आवागमन और वस्तुओं और सेवाओं के सुचारू परिवहन में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करती हैं।

उन्होंने कहा कि ये लिंक सड़कें राज्य में आर्थिक विकास की धमनियां हैं क्योंकि ये एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आवागमन में मदद करती हैं और दूसरी तरफ व्यापार और व्यवसाय को बढ़ावा देती हैं। मान ने इन सड़कों के जल्द से जल्द निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि इनमें से अधिकांश छह साल की अवधि बीत जाने के बाद भी अनुपयोगी बनी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सड़कों को सर्वोच्च प्राथमिकता, प्राथमिकता और जरूरतमंद सड़कों

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