पंजाब

आप की पारंपरिक सीट संगरूर के लिए कमर कसते हुए सीएम मान ने संगरूर के सभी विधायकों के साथ मीटिंग की

मुख्यमंत्री भगवंत मान चुनावी मोड में हैं। वह विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जनादेश की जीत और पिछले दो वर्षों में पंजाब में अपने प्रदर्शन के आधार पर पंजाब की सभी 13 सीटों के लिए रणनीति बना रहे हैं। पार्टी अपनी पारंपरिक लोकसभा सीट संगरूर के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संगरूर के सभी विधायकों के साथ मीटिंग की। मान ने उनसे एक सकारात्मक अभियान चलाने को कहा, जहां आप नेता लोगों के पास जाएंगे और उन्हें पिछले दो वर्षों में आप सरकार के कार्यों और उपलब्धियों से अवगत कराएंगे।

भगवंत मान 2014 और 2019 में दो बार संगरूर से संसद सदस्य के रूप में चुने गए। फिर 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में उन्होंने धूरी (संगरूर) से जीत हासिल की और पंजाब के मुख्यमंत्री बने। संगरूर लोकसभा सीट के सभी नौ विधायक आम आदमी पार्टी से आते हैं। मीत हेयर को भी भरोसा है कि पार्टी एक बार फिर संगरूर में बड़ी जीत दर्ज करेगी।

इस बैठक में संगरूर से आप सांसद उम्मीदवार और बरनाला के विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, मंत्री और सुनाम के विधायक अमन अरोड़ा, लहरागागा के विधायक बरिंदर कुमार गोयल, भदौड़ के विधायक लाभ सिंह उगोके, मेहल कलां के विधायक कुलवंत पंडोरी, विधायक मलेरकोटला मोहम्मद जमील उर रहमान और विधायक संगरूर नरिंदर कौर भराज शामिल हुए।

बैठक में सीएम मान ने संगरूर लोकसभा क्षेत्र के लिए विधायकों के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा की। मान ने विधायकों से कहा कि वे संगरूर में पार्टी के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठकें करें और हर गांव में भी बैठकें करें। लोगों के पास जाएं और उनसे पंजाब-समर्थक और जन-समर्थक फैसलों के बारे में बात करें जो हमने पिछले दो वर्षों में लिए हैं। लोगों से उनके उन मुद्दों के बारे में भी बात करें जिन्हें वे संसद में संबोधित करना चाहते हैं।

बैठक के बाद प्रेस को जानकारी देते हुए मीत हेयर ने कहा कि सीएम मान ने हमें पिछले दो वर्षों में किए गए सभी कार्यों को लेकर लोगों के बीच जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा और कांग्रेस के बीस साल के काम आप सरकार की दो साल की उपलब्धियों के करीब भी नहीं पहुंचते। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने 43,000 सरकारी नौकरियां दीं, वह भी योग्यता के आधार पर और 13,000 अस्थायी शिक्षकों को नियमित किया। हम अपनी सरकार बनने के बाद से प्रति बिल 600 यूनिट मुफ्त बिजली दे रहे हैं। अब पंजाब में 90% से अधिक घरों में शून्य बिजली बिल आ रहा है। हम किसानों और उद्योगों को पर्याप्त बिजली दे रहे हैं। हमने राज्य का राजस्व बढ़ाया। अकेले उत्पाद शुल्क में हमने एक साल में राजस्व 6,000 करोड़ से बढ़ाकर 10,000 करोड़ कर दिया।

हेयर ने कहा कि पंजाब की जनता आम आदमी पार्टी सरकार के अच्छे प्रदर्शन का इनाम देने के लिए तैयार है। संगरूर के साथ-साथ पूरे पंजाब की जनता अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के साथ है। हमारा किसी से कोई निजी झगड़ा नहीं है। हमारी लड़ाई जनता के मुद्दों पर आधारित है। हम शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में अपना काम कर रहे है। सीएम साहब ने हमसे यह भी कहा कि हम अपना सकारात्मक एजेंडा लोगों तक लेकर जाएं और किसी के बारे में नकारात्मक बातें न करें। उन्होंने कहा कि हम अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं और हमारे फैसलों का फायदा 95 फीसदी पंजाबियों को मिल रहा है।

मीत हेयर ने आगे कहा कि हमें लगता है कि हमें प्रचार करने की जरूरत ही नहीं है। लोग खुद हमारे लिए प्रचार कर रहे हैं। देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि अरविंद केजरीवाल किस तरह भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ लड़ रहे हैं। भाजपा बेनकाब हो रही है और उनकी गंदी राजनीति से हर कोई वाकिफ है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र का पहला काला चरण नहीं है। जनता ने पहले भी तानाशाही राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और उन्हें हराया है। इस बार भी जनता अपने लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी।

मीडिया को संबोधित करते हुए हरपाल चीमा ने कहा कि हम काम की राजनीति करते हैं। इसलिए इस लोकसभा चुनाव में हम पंजाब के लोगों से अपने काम के आधार पर हमें वोट देने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि मान सरकार ने पंजाब में पांच प्रमुख चुनावी गारंटियों में से चार को पूरा किया, जबकि पारंपरिक पार्टियों की सरकारें तब तक काम शुरू नहीं करतीं जब तक कि अगला चुनाव न आ जाए।

एक सवाल के जवाब में चीमा ने कहा कि पंजाब के लोग इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि भाजपा हमारे राज्य के साथ भेदभाव करती है। वे हमारे फंड जारी करने से इनकार कर रहे हैं और वे किसान विरोधी बिल ला रहे हैं। वह 750 से अधिक किसान लोगों की मौत के लिए भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जब हमारे किसान केंद्र से अपना हक मांगने गए तो उनके साथ कैसा व्यवहार हुआ, यह हर पंजाबी को याद है। इसलिए पंजाब की जनता कभी भी बीजेपी को वोट नहीं देगी।

 

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