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एनआईए 26/11 मुंबई हमले के आरोपी राणा से पूछताछ करेगी, दिल्ली की अदालत ने उसे 18 दिन की हिरासत में दिया

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा 26/11 के घातक आतंकवादी हमले के पीछे की साजिश और हमलों के योजनाकार के रूप में उसकी भूमिका का पता लगाने के लिए विस्तृत पूछताछ की जाएगी। शुक्रवार को यहां की एक अदालत ने एजेंसी को राणा को 18 दिनों की हिरासत में सौंप दिया। आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद गुरुवार शाम को यहां पहुंचने पर औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने के बाद राणा को पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया था। विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने राणा को 18 दिनों की हिरासत में भेज दिया, जबकि एनआईए ने 20 दिनों की हिरासत मांगी थी। राणा को गुरुवार देर रात जेल वैन, बख्तरबंद स्वाट वाहन और एम्बुलेंस सहित काफिले में पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने एनआईए का प्रतिनिधित्व किया।
कार्यवाही से पहले न्यायाधीश ने राणा से पूछा कि क्या उसके पास कोई वकील है। राणा के यह कहने के बाद कि उसके पास कोई वकील नहीं है, जज ने उसे सूचित किया कि दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उसे वकील मुहैया कराया जा रहा है। उसके बाद, अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया।
64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी, 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी, जो एक अमेरिकी नागरिक है, को 4 अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी समीक्षा याचिका खारिज करने के बाद भारत लाया गया था।
एजेंसी ने अदालत को बताया कि 2008 के हमलों के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए राणा से पूछताछ जरूरी है। इसने अदालत को यह भी बताया कि उसे हमलों के योजनाकार के रूप में उसकी भूमिका की जांच करनी है।
राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में लाए जाने से पहले, दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए मीडियाकर्मियों और आम लोगों को परिसर से बाहर कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने कहा, “किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी”।
अदालत के आदेश के बाद, राणा को दिल्ली पुलिस के विशेष हथियार और रणनीति (SWAT) और अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ एक भारी सुरक्षा वाले काफिले में NIA मुख्यालय ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि राणा को यहां CGO कॉम्प्लेक्स में आतंकवाद विरोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर एक अत्यधिक सुरक्षित सेल में रखा जाएगा। एनआईए ने कहा कि आपराधिक साजिश के हिस्से के रूप में, आरोपी नंबर 1 हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी। संभावित चुनौतियों की आशंका को देखते हुए, हेडली ने राणा को अपने सामान और संपत्तियों का विवरण देते हुए एक ईमेल भेजा, एनआईए ने अदालत को बताया, साथ ही कहा कि हेडली ने राणा को इस साजिश में पाकिस्तानी नागरिकों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की संलिप्तता के बारे में भी बताया, जो मामले में आरोपी हैं। एनआईए ने वर्षों के निरंतर प्रयासों के बाद, और अमेरिका से अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के आतंकी मास्टरमाइंड के अंतिम प्रयास विफल होने के बाद, अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया था। राणा के विभिन्न मुकदमों और अपीलों, जिनमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन भी शामिल है, को खारिज किए जाने के बाद आखिरकार प्रत्यर्पण हो पाया।
बयान में कहा गया है कि भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के समन्वित प्रयासों के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में संबंधित अधिकारियों के साथ, वांछित आतंकवादी के लिए आत्मसमर्पण वारंट अंततः सुरक्षित कर लिया गया और प्रत्यर्पण किया गया।
राणा पर हेडली और नामित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के गुर्गों के साथ-साथ अन्य पाकिस्तान स्थित सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर भारत की वित्तीय राजधानी पर तीन दिवसीय आतंकी घेराबंदी करने की साजिश रचने का आरोप है।
26 नवंबर, 2008 को, 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग का उपयोग करके भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो लक्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया।
जांच से परिचित मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा है कि राणा ने 1990 के दशक के अंत में कनाडा में प्रवास करने से पहले पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में काम किया था और एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म शुरू की थी। बाद में वह अमेरिका चला गया और शिकागो में एक कार्यालय स्थापित किया। पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि अपनी फर्म के माध्यम से राणा ने नवंबर 2008 के हमलों से पहले मुंबई में एक टोही मिशन को अंजाम देने के लिए हेडली को कवर दिया और उसे दस साल का वीजा एक्सटेंशन दिलाने में मदद की।

देश
तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण मोदी सरकार की बड़ी सफलता: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण आदेश को चुनौती देने वाली उसकी याचिका को खारिज किए जाने के बाद, राणा को जल्द ही अमेरिका से भारत लाए जाने की उम्मीद है।
पीएम मोदी सरकार की बड़ी सफलता
शाह ने कहा, “तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की एक बड़ी सफलता है।”
गृह मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता यह सुनिश्चित करना है कि भारत के सम्मान, क्षेत्र और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने कहा, “उसे मुकदमे और सजा का सामना करने के लिए यहां लाया जाएगा। यह मोदी सरकार की एक बड़ी सफलता है।”
कांग्रेस का सीधे नाम लिए बिना शाह ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के दौरान सत्ता में रहने वाले लोग तहव्वुर राणा को मुकदमे के लिए भारत लाने में विफल रहे। तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक और 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का मुख्य आरोपी राणा, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी, ने संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी कानूनी रास्ते समाप्त कर लिए हैं और जल्द ही उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार की एक बहु-एजेंसी टीम वर्तमान में उसके स्थानांतरण की सुविधा के लिए अमेरिका में है, जिसके बाद राणा को हमलों में उसकी भूमिका के लिए भारत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, उसे दिल्ली लाया जाएगा और शुरू में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में रखा जाएगा, जो कानूनी प्रक्रियाओं को संभालेगी। उसे लॉस एंजिल्स में एक महानगरीय हिरासत केंद्र में रखा गया था। राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने हमलों के एक साल बाद अक्टूबर 2009 में शिकागो में राणा को कोपेनहेगन (डेनमार्क) में एक समाचार पत्र पर हमला करने की असफल योजना के लिए सहायता प्रदान करने और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को भौतिक सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
उस मामले में उसे 2011 में दोषी ठहराया गया और 14 साल जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, राणा को मुंबई आतंकवादी हमलों में भौतिक सहायता प्रदान करने की साजिश के आरोपों से बरी कर दिया गया।
अपने प्रत्यर्पण को रोकने का उसका आखिरी प्रयास विफल हो गया क्योंकि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसके आवेदन को अस्वीकार कर दिया, जिससे उसे देश में कानून का सामना करने के लिए भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया।
देश
आप में बड़े बदलाव : दिल्ली आप को मिला नया अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज, मनीष सिसोदिया पंजाब इकाई के प्रभारी

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार 21 मार्च को कुछ बड़े फैसले लिए और अपने पदानुक्रम में कई बदलाव किए। इसने पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज को दिल्ली आप इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। भारद्वाज ने दिल्ली के पूर्व मंत्री गोपाल राय की जगह ली है। पार्टी ने गोपाल राय को गुजरात आप इकाई का प्रभारी नियुक्त किया। शुक्रवार को पार्टी की पीएसी बैठक में ये फैसले लिए गए। एपी ने अपने एकमात्र राज्य पंजाब की जिम्मेदारी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सौंपी है। उन्हें आप की पंजाब इकाई का प्रभारी बनाया गया है।
राज्यसभा सांसद संदीप पाठक को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। पंकज गुप्ता को गोवा का प्रभारी बनाया गया है। आप ने मेहराज मलिक को जम्मू-कश्मीर में आप का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह राज्य में आप के एकमात्र और पहले विधायक हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने ये बदलाव ऐसे समय में किए हैं जब वह दिल्ली चुनाव में हार के जख्मों को सहला रही है। दिल्ली में हार के बाद आप पंजाब में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए जी-जान से जुटी है। सिसोदिया को पंजाब प्रभारी बनाए जाने से संकेत मिलते हैं कि पार्टी 2027 के चुनावों के लिए रणनीति बना रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही सिसोदिया पंजाब में सक्रिय हैं।
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केजरीवाल को जान से मारने की हो रही गहरी साजिश, भाजपा और अमित शाह से उनको खतरा- सीएम आतिशी

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को मिली पंजाब पुलिस की सुरक्षा पुनः बहाल करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीएम आतिशी और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। सीएम आतिशी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की साजिश हो रही है, उनको भाजपा और अमित शाह से खतरा है। अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में पंजाब पुलिस अहम भूमिका निभा रही थी, लेकिन भाजपा ने साजिश कर चुनाव से ठीक पहले हटवा दिया। अभी तक अरविंद केजरीवाल के ऊपर जब-जब हमला हुआ है, तब-तक हमलावर भाजपा के कार्यकर्ता निकले हैं और पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि भाजपा यह जो अरविंद केजरीवाल के ऊपर हमले करवा रही है, उससे दिल्ली की जनता का उनके लिए प्यार और बढ़ रहा है।
केजरीवाल को जान से मारने की बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है- सीएम आतिशी
‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से पंजाब पुलिस की सुरक्षा केंद्र सरकार के आदेश पर हटाए जाने को लेकर दिल्ली की सीएम आतिशी और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने संयुक्त प्रेसवार्ता की। सीएम आतिशी ने कहा कि इस वक्त अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की एक बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है। इस साजिश में दो खिलाड़ी हैं। एक तरफ भाजपा के कार्यकर्ता हैं जो अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली के अलग-अलग जगहों में जाकर हमला करते हैं, पत्थर फेंकते हैं, डंडे लेकर आते हैं और स्पिरिट के स्प्रे करते हैं। जबिकि दूसरा खिलाड़ी साजिशकर्ता भाजपा है और गृहमंत्री अमित शाह के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस है।
केजरीवाल पर लगातार हमले हो रहे, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही- सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा और दिल्ली पुलिस की इस जुगलबंदी से अरविंद केजरीवाल की जान लेने की साजिश हो रही है। हम लगातार देख रहे हैं कि एक के बाद एक अरविंद केजरीवाल पर हमले हो रहे हैं। 24 अक्टूबर को विकासपुरी में दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे अरविंद केजरीवाल पर हमला हुआ। जब सोशल मीडिया पर जांच की गई तो हमलवार भाजपा का कार्यकर्ता निकला। क्योंकि भाजपा का कार्यकर्ता था, इसलिए दिल्ली पुलिस के साथ जुगलबंदी फिर से सामने आई और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 30 नवंबर को अरविंद केजरीवाल पर फिर हमला हुआ। जब वह मालवीय नगर में एक पब्लिक इवेंट के लिए जा रहे थे, वहां उन पर हमला करने की कोशिश की गई।
हरि नगर में केजरीवाल की गाड़ी तक हमलावर पहुंच गए, लेकिन पुलिस ने नहीं रोका- सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि इसी तरह 18 जनवरी को नई दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर पत्थर फेंके गए। पुलिस ने जांच नहीं की। लेकिन जब हमने खुद सोशल मीडिया पर जांच की तो पता चला कि सारे हमलावर भाजपा के पदाधिकारी थी। फिर से भाजपा और दिल्ली पुलिस की यह जुगलबंदी सामने आई। दिल्ली पुलिस ने न तो भाजपा के कार्यकर्ताओं को रोका और ना ही उनके खिलाफ एक्शन लिया। गुरुवार को हरिनगर में अरविंद केजरीवाल की गाड़ी तक हमलावर पहुंच गए लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें नहीं रोका। काली बाड़ी में अरविंद केजरीवाल अपनी विधानसभा में प्रचार करने जा रहे थे, वहां बसें भरकर उनकी गाड़ी पर हमला करने के लिए पत्थरों और डंडों के साथ भाजपा के कार्यकर्ता लाए गए। “आप” सांसद संजय सिंह को वहां जाकर उस हमले को रोकना पड़ा, लेकिन दिल्ली पुलिस सामने आई। एक बार फिर से दिल्ली पुलिस और भाजपा की जुगलबंदी सामने आई।
भाजपा और अमित शाह का एक ही मकसद, किसी भी तरह केजरीवाल को खत्म करना- आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा, दिल्ली पुलिस और अमित शाह कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल के पास जेड प्लस सुरक्षा है। मैं पूछना चाहती हूं कि इस देश के इतिहास में क्या कोई ऐसा जेड प्लस सिक्योरिटी का प्रोटेक्टी रहा है जिसकी गाड़ी की पत्थर फेंके गए हों और पुलिस सामने नहीं आई हो। क्या कोई ऐसा जेड प्लस सिक्योरिटी का प्रोटेक्टी रहा है जिस पर कोई पदार्थ फेंक देता है और पुलिस वाले वहां मौजूद होते हैं लेकिन वो उसे रोकते व पकड़ते नहीं है। क्या कोई जेड प्लस सिक्योरिटी का प्रोटेक्टी रहा है जिसकी गाड़ी पर पत्थरों और डंडों से हमला किया जाता है लेकिन पुलिस हमलावरों को रोकती नहीं है? यह अरविंद केजरीवाल के साथ क्यों हो रहा है? क्योंकि अरविंद केजरीवाल को सुरक्षा देने की जिम्मेदार दिल्ली पुलिस, भाजपा और अमित शाह के अधीन आती है। भाजपा और अमित शाह का एक ही मकसद है कि किसी भी तरह से अरविंद केजरीवाल को खत्म कर देना।
तिहाड़ जेल में भी भाजपा ने इंसुलिन रूकवा कर केजरीवाल को मारने की साजिश की – सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि हमने देखा था जब अरविंद केजरीवाल को झूठे मुकदमे में गिरफ्तार किया गया तो यही भाजपा, इनके एलजी और इनका तिहाड़ प्रशासन अरविंद केजरीवाल की इंसुलिन को रोकने वाले में से था। अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल 400 तक पहुंच गया लेकिन भाजपा ने उन्हें इंसुलिन नहीं मिलने दी। भाजपा बार-बार अपने कार्यकर्ताओं, अपने प्रशासन और अपनी पुलिस के माध्यम से अरविंद केजरीवाल पर जानलेवा हमले और षड्यंत्र करती है। इसीलिए अरविंद केजरीवाल की सिक्योरिटी में पंजाब पुलिस उनको सुरक्षा देने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी। लेकिन भाजपा ने साजिश करके चुनाव से 10 दिन पहले जब अरविंद केजरीवाल पर रोज हमले हो रहे हैं, तब पंजाब पुलिस को हटा दिया जाता है।
दिल्ली वाले अरविंद केजरीवाल पर हो रहे इन हमलों के लिए भाजपा को माफ नहीं करेंगे- सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि मैं भाजपा को कहना चाहती हूं कि दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल से प्यार करते हैं। दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल को अपना बेटा और भाई मानते हैं। हर हमला जो तुम अरविंद केजरीवाल पर करते हो, हर पत्थर जो अरविंद केजरीवाल पर फेंकते हो, हर लाठी जो अरविंद केजरीवाल पर चलाने की कोशिश करते हो, उससे दिल्ली के लोगों का प्यार और वोट अरविंद केजरीवाल के लिए बढ़ता है और भाजपा का एक-एक वोट कम होता है। दिल्ली वाले अरविंद केजरीवाल पर हो रहे इन हमलों के लिए भाजपा को माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मान और मैंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल की पंजाब पुलिस की सिक्योरिटी को वापस करने की मांग की है। साथ ही, हमने अरविंद केजरीवाल की सिक्योरिटी का एक उचित ऑडिट और उनके हमलावरों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
आज तक अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में मौजूद किसी पुलिसवाले पर एक्शन नहीं हुआ- सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को खतरा भाजपा और अमित शाह से है। भाजपा के कार्यकर्ताओं और दिल्ली पुलिस की जुगलबंदी चल रही है। हर किसी ने देखा कि जिन व्यक्तियों ने नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल पर हमला किया, वह भाजपा के पदाधिकारी थे। जिन्होंने विकासपुरी में हमला किया, वह भी भाजपा के पदाधिकारी थे। आज तक एक भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आज तक अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में मौजूद किसी पुलिसवाले पर एक्शन नहीं हुआ। अगर अरविंद केजरीवाल को खतरा है तो वह भाजपा, अमित शाह और उनकी दिल्ली पुलिस और कार्यकर्ताओं से है।
हमारी शिकायत के बाद भी दिल्ली पुलिस हमलावरों पर एफआईआर नहीं दर्ज करती है- भगवंत मान
इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पिछले कई दिनों से जब भी अरविंद केजरीवाल पब्लिक मीटिंग में जाते हैं, तो उन पर पत्थर, लाठियां और पेट्रोल जैसे तरल पदार्थ फेंके जाते हैं। किसी न किसी तरह से हाथापाई की कोशिश की जाती है या गाड़ी के पास पहुंचकर हंगामा किया जाता है। लेकिन दिल्ली पुलिस एफआईआर नहीं लिखती है और अगर हम ऐसा करने वालों के नाम भी बता दें तो भी वह शिकायत नहीं लिखते हैं। क्योंकि उन्हें ऊपर से निर्देश हैं कि अरविंद केजरीवाल को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया जाए, ताकि वो डर कर बैठ जाएं और प्रचार के लिए न निकलें। हमारी पंजाब पुलिस के पास इस बात का ठोस सबूत था कि अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली और पंजाब में हमला हो सकता है, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने अरविंद केजरीवाल को सुरक्षा दी।
जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति कहीं भी जाए, उसे वहां उस स्तर की सुरक्षा दी जाती है- भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि यह तो केवल वो घटनाएं हैं जो हो गईं और सबके सामने आ गईं। लेकिन पंजाब पुलिस की तैनाती की वजह से इनके कई और प्लान फेल हो गए और हमारी पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया। तब इनके आकाओं को पता चला कि ये तो गलत हो रहा है और जैसा सोचा था वैसा नहीं हो रहा। तो उन लोगों ने अरविंद केजरीवाल की पंजाब पुलिस सुरक्षा को हटाने का आदेश दे दिया। जिस व्यक्ति को जेड प्लस सुरक्षा दी गई हो, वो देश में कहीं भी जाए, उसे उस लेवल की सुरक्षा देनी पड़ती है। अभी यहां उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंच चुके हैं। इसके अलावा राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आए हैं। यह सभी लोग अपने राज्य से सुरक्षा लेकर आए हैं। यहां आने के बाद भी उन्हें दिल्ली की पुलिस और जेड प्लस प्लस श्रेणी की केंद्रीय सुरक्षा मिलती है।
ये लोग केजरीवाल से जीत नहीं पा रहे तो उनको शारीरिक नुकसान पहुंचाना चाहते हैं- भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि काफी दिनों से यह साजिशें चल रही थीं कि अरविंद केजरीवाल से वैसे तो नहीं जीत सकते। न तो ये लोग विचारधारा में जीत सकते हैं, न एजेंडे में और न ही लोगों के प्यार के मामले में जीत सकते हैं। इसलिए ये लोग अरविंद केजरीवाल को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। जैसे कहावत है कि कई बार जब कुछ पहलवान हारने लगते हैं तो गलत हथकंडे अपनाने लगते हैं। कोई कान काट लेता है, कोई गर्दन नोचता है। ये इन्हीं घटिया हथकंडों पर आ गए। यह लोकतंत्र है, अगर इनमें हिम्मत है तो ये एजेंडे पर चुनाव लड़ें। राजनीति अलग है, लेकिन अगर आप किसी की जान लेने पर उतारू हो तो यह बहुत गलत बात है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ने भी पंजाब सरकार से पुलिस की मदद मांगी थी और हमने दी थी- भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है कि अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा उन्हें वापस लौटाई जाए। दिल्ली पुलिस की बागडोर गृहमंत्री अमित शाह के पास है, जिसने इतनी घटनाओं के बाद भी हमारी शिकायत तक नहीं लिखी। हमें उसपर यकीन नहीं है। जब बंगाल में पंचायत के चुनाव हुए तो वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुझे फोन करके कहा कि चुनाव में लगाई गई केंद्र सरकार की सुरक्षा पर उन्हें यकीन नहीं है। क्या आप हमें अलग से पंजाब पुलिस की सुरक्षा दे सकते हैं? जिसके बाद हमने पंजाब पुलिस के अलग-अलग फोर्स के 5 हजार जवान, अधिकारी और सिपाही बंगाल भेजे। सच्चाई यह है कि इन पर किसी को यकीन ही नहीं है। उन्होंने कहा था कि ये लोग घपला करवाते हैं। ममता बनर्जी ने यहां तक कहा था कि ये लोग मेरा चुनाव लूट कर ले जाएंगे। तो पंजाब से हमारी पुलिस बंगाल में चुनाव कराने गई। जिसका खर्च वहां की सरकार ने हमें दिया।
ये लोग किसी भी तरह से दिल्ली का चुनाव जीतना चाहते हैं- भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि अब दिल्ली पुलिस और डीएम भी भाजपा के कार्यकर्ता बन गए हैं। उनको ऊपर से आदेश आ गए हैं कि अगर आपको भविष्य में तरक्की करनी है तो इस बार दिल्ली जितवा दो। जबरदस्ती आप दिल्ली कैसे जीत लोगे? डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग वोट करेंगे। पहले इन्होंने फर्जी वोट बनवाकर और असली वोट कटवाकर जीतने की कोशिश की, उसमें कामयाब नहीं हो सके तो अब ये इस स्तर पर गिर गए हैं कि डंडे और रॉड चला रहे हैं। हम इन घटनाओं की निंदा करते हैं, और सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए। हमने चुनाव आयोग को लिखा है कि हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष मैदान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सीधा कहा जा रहा है कि आप गली में आओगे तो आप पर पेट्रोल और पत्थर फेंका जाएगा या वहीं डंडे-लाठियां लिए गुंडे खड़े हैं। चुनाव आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए। यह निष्पक्ष चुनाव नहीं है। अगले 10 दिन प्रचार चलेगा, इसलिए चुनाव आयोग कम से कम इन दस दिनों के लिए अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा वापस करे। अरविंद केजरीवाल एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रधान हैं, उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए। जो सुरक्षा हमें मिल रही है, अगर हम उससे संतुष्ट नहीं हैं तो हमें उसका विकल्प भी मिलना चाहिए।
दिल्ली की सीएम आतिशी और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और उनकी सुरक्षा में जानबूझकर कई खामियां देखी जा रही हैं। यह खामियां कोई अकेली घटना नहीं हैं, बल्कि एक बड़े और सुनियोजित प्रयास का हिस्सा लगती हैं, जिसका उद्देश्य उनकी सुरक्षा को खतरे में डालना है।
अरविंद केजरीवाल पर पिछले तीन महीनों में कई बार जानबूझकर हमले हुए हैं और ये सभी हमले दिल्ली पुलिस की सीधी निगरानी में हुए हैं। जिससे हमारी चिंताएं और बढ़ गई हैं। 24 अक्टूबर को विकासपुरी में एक कार्यक्रम के दौरान हमलावरों ने दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे अरविंद केजरीवाल के करीब पहुंचने और उन पर हमला करने की कोशिश की। 30 नवंबर को मालवीय नगर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान हमलावरों ने उनकी सुरक्षा को तोड़ते हुए उन पर हमला करने की कोशिश की और यह सब दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में हुआ। 18 जनवरी को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में एक राजनीतिक रैली के दौरान अरविंद केजरीवाल पर पत्थर फेंके गए, जिससे उनकी जान और वहां मौजूद लोगों की जान खतरे में पड़ गई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और हमले को रोकने में विफल रही। 23 जनवरी को अज्ञात लोगों ने जानबूझकर उनके वाहन काफिले को रोका, जिससे दिल्ली पुलिस की मंशा और उनकी प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठते हैं। दिल्ली पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की।
ये घटनाएं बताती हैं कि अरविंद केजरीवाल को किन गंभीर खतरों का सामना करना पड़ा है। यह बहुत ही चौंकाने वाली बात है कि इन सभी घटनाओं के दौरान दिल्ली पुलिस के जवान वहां मौजूद थे। वे सिर्फ मूक दर्शक बने रहे और अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा करने की कोई कोशिश नहीं की।
अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में एक अहम और विश्वसनीय हिस्सा पंजाब पुलिस को बिना किसी सलाह या कारण के अचानक हटा लिया गया है। यह लापरवाह और राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसला अरविंद केजरीवाल को पूरी तरह से दिल्ली पुलिस पर निर्भर छोड़ रहा है, जो सीधे केंद्र में भाजपा की सरकार द्वारा नियंत्रित है।
अरविंद केजरीवाल भाजपा की केंद्रीय सत्ता को चुनौती देने वाले सबसे प्रमुख विपक्षी नेता हैं। जब उनकी सुरक्षा पूरी तरह से भाजपा द्वारा नियंत्रित पुलिस के हाथों में छोड़ दी जाती है, तो उनकी जान को बिना किसी कारण के खतरे में डाला जा रहा है। हमें गहरी चिंता है कि इस तरह का जानबूझकर किया गया कदम किसी अनहोनी घटना को जन्म दे सकता है, जिसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
बार-बार हो रहे हमले, दिल्ली पुलिस की खुली लापरवाही और पंजाब पुलिस की सुरक्षा हटाए जाने से साफ दिखता है कि यह एक सोची-समझी कोशिश है, जो अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए की जा रही है। यह सिर्फ उनके जीवन के लिए खतरा नहीं है बल्कि सीधे लोकतंत्र पर हमला है।
इन चिंताजनक घटनाओं को देखते हुए हम तुरंत भारत निर्वाचन आयोग से अपील करते हैं कि
1. अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा व्यवस्था की तुरंत और पूरी तरह से समीक्षा करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत कदम उठाएं।
2. उनकी सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस की मौजूदगी फिर से बहाल करें या बढ़ाएं, ताकि उन्हें विश्वसनीय और निष्पक्ष सुरक्षा मिल सके।
चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का रक्षक माना जाता है और उसका एक नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य है कि वह राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे, विशेषकर उन नेताओं की जिनपर गंभीर खतरा है। अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा को ऐसे पुलिस बल के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता, जो स्पष्ट रूप से प्रभावित और पक्षपाती है।
हमें विश्वास है कि चुनाव आयोग इस मौके पर अपनी ज़िम्मेदारी निभाएगा और अरविंद केजरीवाल को किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाने के लिए तुरंत और ठोस कदम उठाएगा ताकि लोकतंत्र के सिद्धांतों की रक्षा हो सके।
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पंजाब1 week ago
अमृतसर : पुलिस ने 18 किलो हेरोइन के साथ 1 तस्कर को किया गिरफ्तार
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World1 week ago
ट्रम्प द्वारा चीन पर व्यापार युद्ध का दबाव बढ़ाए जाने से वैश्विक शेयर बाजारों में उछाल
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दिल्ली1 week ago
सीजेआई की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच 16 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी
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देश1 week ago
तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण मोदी सरकार की बड़ी सफलता: अमित शाह
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दिल्ली1 week ago
दिल्ली सरकार ने पिछली आप सरकार द्वारा की गई 177 राजनीतिक नियुक्तियां रद्द कीं
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World1 week ago
डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को छोड़कर अधिकांश देशों पर टैरिफ 90 दिनों के लिए रोक दिया
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पंजाब1 week ago
हरजोत बैंस ने विपक्षी पार्टियों पर साधा निशाना, बोले- जो 75 सालों में जो अकाली-भाजपा और कांग्रेस नहीं कर पाई वह हमनें किया
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पंजाब1 week ago
मान सरकार का अनुसूचित जाति समुदाय के लिए बड़ा तोहफा, पंजाब कैबिनेट ने लिया ऐतिहासिक फैसला