पंजाब
किसानों को 11 जून से धान की रोपाई के लिए नहर का पानी मिलेगा, गाद निकालने का काम पूरा: सीएम मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को किसानों से आगामी धान सीजन के दौरान भूजल को बचाने के लिए सतही जल का अधिकतम उपयोग करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने यहां जल संसाधन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार आगामी धान सीजन से नहरी पानी की आपूर्ति के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि 11 जून से नहरी पानी किसानों को निर्बाध रूप से उपलब्ध कराया जाएगा, क्योंकि नहरों से गाद निकालने का काम पहले ही पूरा हो चुका है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 11 जून से श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, मानसा, बठिंडा, फाजिल्का, फिरोजपुर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ से आगे के क्षेत्रों में नहरी पानी की आपूर्ति की जाएगी तथा 15 जून से मोगा, संगरूर, मलेरकोटला, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, एसएएस नगर, रूपनगर, लुधियाना, कपूरथला, जालंधर, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट में नहरी पानी की आपूर्ति की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सिंचाई जरूरतों के लिए नहरी पानी की आपूर्ति का नया कीर्तिमान स्थापित करने की दहलीज पर है। उन्होंने कहा कि पहली बार राज्य सरकार ने नहरी पानी की आपूर्ति के बारे में पूछताछ के लिए एक समर्पित नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को नहरी पानी की आपूर्ति के बारे में कोई जानकारी चाहिए तो वह +91 96461 51466 पर कॉल करके विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकता है।
भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि किसान धान की सिंचाई के लिए नहर के पानी का उचित उपयोग करेंगे और भूजल को बचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में बाढ़ को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने ऐतिहासिक पहल की है, जिसमें 100 साल की बाढ़ के हिसाब से नदियों/धारों/नालों के बहाव को डिजाइन करना और तदनुसार उत्तरी भारत नहर और जल निकासी अधिनियम के तहत नदियों और नालों/धारों के बाढ़ के मैदानों को अधिसूचित करना, नदियों के मुख्य तटबंधों को मजबूत करना और अग्रिम बांध पर काम पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
उन्होंने कहा कि आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए बैग सप्लायर, वायर बाइंडर, अर्थ मूविंग उपकरण, ट्रैक्टर ट्रॉली मालिक, गोताखोर और स्थानीय स्वयंसेवकों जैसे लोगों का डाटा बेस संकलित किया गया है और आपातकालीन उपयोग के लिए खाली सीमेंट बैग और भरे हुए बैग को रणनीतिक स्थानों पर संग्रहीत करने की योजना बनाई जा रही है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि नदियों के अंदरूनी ढलानों पर बांस के पौधे लगाए जा रहे हैं और एनएचएआई, बीएंडआर और मंडी बोर्ड द्वारा बाढ़ के पानी के बहाव में पैदा की गई रुकावटों की पहचान कर ली गई है और उन्हें हटाया जा रहा है।