पंजाब

पंजाब में अमृतपाल सिंह सबसे बड़े अंतर से जीते, चन्नी दूसरे नंबर पर

पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर दर्ज होती दिख रही है। इस बार सभी प्रमुख पार्टियों ने अकेले चुनाव लड़ा है। कांग्रेस ने 7 सीटें जीती हैं। आम आदमी पार्टी 3 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही है जबकि भाजपा को राज्य में एक भी सीट नहीं मिली है।

बता दें कि कांग्रेस ने अमृतसर, जालंधर, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना और गुरदासपुर से जीत दर्ज की है। जबकि आम आदमी पार्टी ने होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, संगरूर से जीत दर्ज की है। शिरोमणि अकाली दल को बठिंडा की सीट पर सब्र करना पड़ा है जबकि भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई। हालांकि पटियाला, फिरोजपुर और लुधियाना में भाजपा ने कड़ी टक्कर दी। यहां से भाजपा उम्मीदवारों ने कई राउंड की मतगणना में बढ़त हासिल कर ली थी। खडूर साहिब और फरीदकोट विधानसभा क्षेत्रों ने सबसे ज्यादा चौंकाया। यहां से 2 निर्दलीय उम्मीदवारों ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की। खडूर साहिब से अमृतपाल सिंह ने जेल में बैठे-बैठे कांग्रेस के कुलबीर जीरा को 197120 वोटों से हराया। खडूर साहिब से कैबिनेट मंत्री लालजीत भुल्लर तीसरे स्थान पर रहे, उन्हें केवल 194,836 वोट मिले।

राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के 4 मंत्री बुरी तरह हारे। अमृतसर से कुलदीप धालीवाल कांग्रेस के गुरजीत औजला से 40301 वोटों से हार गए। बठिंडा से गुरमीत सिंह खुडियां अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल से 49656 वोटों से पीछे रहे। हरसिमरत बादल को 376558 वोट मिले जबकि खुडिया को 326902 वोट मिले।

हालांकि पटियाला से डॉ. बलबीर सिंह की हार का अंतर केवल 14831 वोट था। यहां कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी जीते। लालजीत भुल्लर खडूर साहिब से बड़े अंतर से पीछे रहे। उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल सिंह ने 197120 वोटों से हराया।

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 13 में से 8 सीटें जीती थीं और उस दौरान अकाली दल ने 2 सीटें जीती थीं। इसके अलावा पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी को एक सीट मिली थी।

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