पंजाब

सीएम मान ने पंजाब में धान खरीद के प्रबंधों की समीक्षा की

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार अनाज मंडियों में किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में धान खरीद की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की सुनहरी फसल को मंडियों में आते ही खरीदने के लिए पहले से ही पुख्ता प्रबंध कर लिए हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों को उनके बैंक खातों में मौके पर ही भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवहार्य तंत्र विकसित किया गया है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि मंडियों में अनाज की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसानों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ धान की सुचारू, परेशानी मुक्त और त्वरित खरीद सुनिश्चित करने और दूसरी तरफ किसानों को उनकी उपज का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य के किसानों को मंडियों में अपनी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसानों का एक-एक दाना तुरंत खरीदा और उठाया जाए। इस बीच, पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री से मुलाकात की। एसोसिएशन के साथ बैठक के दौरान भगवंत सिंह मान ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के हितों की रक्षा करने के लिए कर्तव्यबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के साथ भी टेलीफोन पर इस मुद्दे को उठाया और मामले को सुलझाने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से एफसीआई को चावल की डिलीवरी के लिए पर्याप्त जगह बनाने का निर्देश देने को कहा, ताकि राज्य में केएमएस 24-25 के धान/चावल की खरीद निर्बाध रूप से हो सके। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास डिलीवरी स्पेस की गंभीर कमी के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाते हुए मुख्यमंत्री ने दुख जताया कि एफसीआई के पास विशेष रूप से मई के बाद से जगह की गंभीर कमी है, जिससे राज्य के चावल मिलर्स द्वारा केंद्रीय पूल में केएमएस 2023-24 के चावल की डिलीवरी में बाधा आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि इससे राज्य के चावल मिलर्स के बीच आगामी खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान जगह की कमी को लेकर भी आशंका पैदा हो गई है। इस बीच, केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को केएमएस 2024-25 में अक्टूबर 2024 तक धान की खरीद के लिए 41,339.81 करोड़ रुपये (केवल इकतालिस हजार तीन सौ उनतीस करोड़ इक्यासी लाख रुपये) की नकद ऋण सीमा का प्राधिकरण दिया है।

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