पंजाब
सुखबीर बादल ने उड़ाई अकाल तख्त साहिब के आदेशों की धज्जियां-सुधार आंदोलन के नेताओं ने उठाए सवाल

सुखबीर सिंह बादल ने अपने राजनीतिक हितों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जारी आदेशों का घोर उल्लंघन करके साबित कर दिया है कि उनके लिए पंथक शिष्टाचार कोई मायने नहीं रखता। ये शब्द व्यक्त करते हुए भाई मनजीत सिंह, इंद्रमोहन सिंह लखमीरवाला, जसवन्त सिंह पुरैन, मलकीत कौर कमालपुर, तीनों कार्यकारिणी सदस्य, अमरीक सिंह साहपुर, महिंदर सिंह हुसैनपुर, परमजीत कौर लौदरां, जरनैल सिंह करतारपुर, मिट्ठू सिंह काहनाके और सतविंदर सिंह टोहड़ा (सभी) (एसजीपीओसी सदस्य) ने खेद व्यक्त करते हुए कहा, यह देश का दुर्भाग्य है कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष या तो सांप्रदायिक मानदंडों को नहीं समझते हैं या फिर राजनीतिक अहंकार के कारण सिंह साहिबों के आदेश को अछूत मानते हैं।
सुधार आंदोलन के नेताओं ने कहा कि आज जब उन्होंने अचानक एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सुखबीर सिंह बादल की भागीदारी की तस्वीरें देखीं तो उन्हें बहुत दुख हुआ और आज सुखबीर सिंह बादल ने मीरी पीरी के सिद्धांत पर अपनी मोहर लगा दी है. दूसरी ओर राजनीति को पैरों के नीचे और धर्म को सिर का ताज मानने वाले सुखबीर सिंह बादल इसके उलट हैं.
सुधार आंदोलन के नेताओं ने संयुक्त रूप से सुखबीर सिंह बादल से सवाल किया कि सुखबीर सिंह बादल खुद यह बताने की जहमत उठाएंगे कि उनके लिए वेतन का क्या मतलब है, या अपने राजनीतिक साथी से पूछें जिसने कुछ दिन पहले व्यक्तिगत बयान दिया था कि किस तरह के संबंध बनाए रखने चाहिए टीवी पर एक वेतन अनुबंध व्यक्ति, एक वेतन अनुबंध व्यक्ति के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए?
नेताओं ने यह भी कहा कि पिछले दिनों जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने आदेश जारी किया था कि प्रत्येक सिख को पंथक नियमों का पालन करना चाहिए और श्री तख्त साहिब में अकाली दल में उत्पन्न संकट पर चर्चा की जा रही है, लेकिन आज नेता को बयानबाजी से बचना चाहिए सुखबीर सिंह बादल ने स्पष्ट कर दिया कि वह एक सांप्रदायिक नकाबपोश नेता हैं, जिनका सांप्रदायिक नैतिकता से व्यावहारिक रूप से कोई संबंध नहीं है।
साथ ही पंथक सुधार आंदोलन के नेताओं ने सिख संगत से फिर अपील की कि सिख संगत को ऐसे लोगों को अपनी ताकत का एहसास कराना चाहिए जो पंथक नैतिकता को ध्वस्त कर रहे हैं और मुखौटे पहन रहे हैं.