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अगर देश में जनतंत्र ही नहीं बचेगा तो कुछ नहीं बचेगा- अरविंद केजरीवाल

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा द्वारा की गई बेइमानी की सच्चाई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के सामने आ गई। इस संबंध में ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आखिरकार संविधान और लोकतंत्र की जीत हुई। यह ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले से चंडीगढ़ और पूरे देश की जनता की जीत हुई है। साथ ही, यह इंडिया गठबंधन की पहली और बहुत बड़ी जीत है। एक तरह से हम यह जीत उनसे छीन कर लाए हैं। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के 20 में से 8 वोट चोरी कर लिया था, लेकिन हमने हार नहीं मानी। यह जीत संदेश देता है कि एकता, अच्छी प्लानिंग, रणनीति और मेहनत से भाजपा को हराया जा सकता है। उन्होंने कहा, ये लोग बड़े विश्वास से लोकसभा चुनाव में 370 सीट आने का दावा कर रहे है। इसका मतलब है कि इन्होंने कुछ तो गड़बड़ कर रखी है। इसलिए देश के 140 करोड़ लोगों को मिलकर अपने जनतंत्र. को बचाना पड़ेगा।

यह ऐतिहासिक फैसला है, भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है- अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है। हम सबने देखा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में साफ-साथ था कि 20 वोट इंडिया गठबंधन और 16 वोट भाजपा के थे। इंडिया गठबंधन के 20 में से 8 वोट गलत तरीके से रद्द घोषित कर दिए गए और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप कुमार को हारा हुआ और भाजपा प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया गया। मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने जल्दी-जल्दी सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सारे बैलेट पेपर मंगाए और देखा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज चंडीगढ़ मेयर चुनाव का परिणाम घोषित कर दिया। मुझे लगता है कि भारतीय इतिहास में यह पहली बार हुआ है। हम सुप्रीम कोर्ट का बहुत शुक्रिया करते हैं। क्योंकि आज देश में पूरी तरह तानाशाही चल रही है। जगह-जगह जनतंत्र को कुचला जा रहा है। देश की सारी संस्थाओं को एक तरह से कुचले और रौंदे जा रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला जनतंत्र के लिए बहुत मायने रखता है। जनतंत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बहुत अहम है।

इंडिया गठबंधन की यह पहली जीत देश को बहुत बड़ा संदेश देती है- अरविंद केजरीवाल

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव का फैसला हमारे पक्ष में आना इंडिया गठबंधन की बहुत बड़ी जीत है। इंडिया गठबंधन की पहली जीत है। यह हमारे लिए बहुत मायने रखती है। एक तरह से हम उन लोगों से जीत छीन कर लाए हैं। उन लोगों ने तो वोट चोरी कर लिए थे। लेकिन हमने हार नहीं मानी। हम आखिरी समय तक लड़ते रहे, संघर्ष करते रहे। अंत में हमारी जीत हुई। इसलिए यह इंडिया गठबंधन के लिए बहुत बड़ी जीत है। इंडिया गठबंधन की यह जीत देश को बहुत बड़ा संदेश देती है। जो लोग कहते हैं कि भाजपा को हराया नहीं जा सकता है, तो यह जीत बताता है कि भाजपा को एकता, अच्छी प्लानिंग, रणनीति और मेहनत से हराया जा सकता है। इस चुनाव के नतीजों ने यह साबित कर दिया है। इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगी दलों को भी इस जीत के लिए बहुत -बहुत बधाई।

उन्होंने कहा कि यह जीत चंडीगढ़ के लोगों की भी जीत है। चंडीगढ़ के लोगों ने नतीजा यही दिया था कि इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी मेयर बनना चाहिए, लेकिन उन्होंने चुनाव को चोरी कर लिया था। एक तरह से जनता की हार हो गई थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद जनता की जीत हो गई है। पूरे देश की जीत हुई है। पूरे देश ने देखा कि किस तरह से इन्होंने वोटों की चोरी किया।

मेयर चुनाव में ये सीसीटीवी कैमरे में वोटों की चोरी करते रंगेहाथ पकड़े गए- अरविंद केजरीवाल

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अकाली दल के कुल 36 वोट थे। इसमें एक संसद सदस्य शामिल है। उन 36 वोट की गणना में भाजपा वालों ने इंडिया गठबंधन के 8 वोट चोरी कर लिए। यानि हमारे 25 फीसद वोट चोरी कर लिए। अभी कुछ दिन बाद देश का सबसे बड़ा लोकसभा चुनाव होने जा रहा है। उसमें करीब 90 करोड़ वोट हैं। अगर ये लोग 36 वोट में से 25 फीसद वोट चोरी कर सकते हैं तो 90 करोड़ वोटों में से कितने वोट चोरी करेंगे, यह सोच कर भी रूह कांप उठती है। हम सुनते तो थे कि भाजपा वाले गड़बड़ करते हैं, वोटों की चोरी करते हैं, लेकिन कभी सबूत नहीं मिला। इस बार इनकी किस्मत खराब थी। चंड़ीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे और कैमरे में ये लोग रंगेहाथ पकड़े गए, इनका सारा कुकर्म पकड़ा गया। इससे साफ जाहिर है कि ये कितने बड़े स्तर पर वोटों की चोरी करते हैं।

 

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज यह सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि अब देश को सोचना पड़ेगा। अगर देश में जनतंत्र नहीं बचेगा तो कुछ नहीं बचेगा। आज ये लोग बहुत ही विश्वास के साथ कह रहे हैं कि भाजपा की 370 सीट आएगी। एक तरह से ये लोग देश के लोगों को चुनौती दे रहे हैं कि तुम्हारे वोट की हमें जरूरत नहीं है, हमारी तो 370 सीट आ रही है। इन लोगों को 370 सीट लाने का विश्वास कहां से आ रहा है? इसका मतलब साफ है कि इन्होंने कुछ तो गड़बड़ कर रखी है। अगर किसी देश के अंदर पार्टियां चुनाव से पहले साफ-साफ कहने लगें कि हमें वोट और लोगें की जरूरत नहीं है, तो उस देश में जनतंत्र बहुत खतरे है। इसलिए देश के 140 करोड़ लोगों को मिलकर देश के जनतंत्र को बचाना पड़ेगा। इससे यह भी साफ है कि ये लोग चुनाव जीतते नहीं हैं, ये लोग चुनाव चोरी करते हैं। चंडीगढ़ मेयर चुनाव ने इन लोगों को देश के सामने बेनकाब कर दिया है। दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है।

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एनआईए 26/11 मुंबई हमले के आरोपी राणा से पूछताछ करेगी, दिल्ली की अदालत ने उसे 18 दिन की हिरासत में दिया

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा 26/11 के घातक आतंकवादी हमले के पीछे की साजिश और हमलों के योजनाकार के रूप में उसकी भूमिका का पता लगाने के लिए विस्तृत पूछताछ की जाएगी। शुक्रवार को यहां की एक अदालत ने एजेंसी को राणा को 18 दिनों की हिरासत में सौंप दिया। आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद गुरुवार शाम को यहां पहुंचने पर औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने के बाद राणा को पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया था। विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने राणा को 18 दिनों की हिरासत में भेज दिया, जबकि एनआईए ने 20 दिनों की हिरासत मांगी थी। राणा को गुरुवार देर रात जेल वैन, बख्तरबंद स्वाट वाहन और एम्बुलेंस सहित काफिले में पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने एनआईए का प्रतिनिधित्व किया।

कार्यवाही से पहले न्यायाधीश ने राणा से पूछा कि क्या उसके पास कोई वकील है। राणा के यह कहने के बाद कि उसके पास कोई वकील नहीं है, जज ने उसे सूचित किया कि दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उसे वकील मुहैया कराया जा रहा है। उसके बाद, अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया।

64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी, 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी, जो एक अमेरिकी नागरिक है, को 4 अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी समीक्षा याचिका खारिज करने के बाद भारत लाया गया था।

एजेंसी ने अदालत को बताया कि 2008 के हमलों के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए राणा से पूछताछ जरूरी है। इसने अदालत को यह भी बताया कि उसे हमलों के योजनाकार के रूप में उसकी भूमिका की जांच करनी है।

राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में लाए जाने से पहले, दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए मीडियाकर्मियों और आम लोगों को परिसर से बाहर कर दिया।

पुलिस अधिकारियों ने कहा, “किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी”।

अदालत के आदेश के बाद, राणा को दिल्ली पुलिस के विशेष हथियार और रणनीति (SWAT) और अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ एक भारी सुरक्षा वाले काफिले में NIA मुख्यालय ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि राणा को यहां CGO कॉम्प्लेक्स में आतंकवाद विरोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर एक अत्यधिक सुरक्षित सेल में रखा जाएगा। एनआईए ने कहा कि आपराधिक साजिश के हिस्से के रूप में, आरोपी नंबर 1 हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी। संभावित चुनौतियों की आशंका को देखते हुए, हेडली ने राणा को अपने सामान और संपत्तियों का विवरण देते हुए एक ईमेल भेजा, एनआईए ने अदालत को बताया, साथ ही कहा कि हेडली ने राणा को इस साजिश में पाकिस्तानी नागरिकों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की संलिप्तता के बारे में भी बताया, जो मामले में आरोपी हैं। एनआईए ने वर्षों के निरंतर प्रयासों के बाद, और अमेरिका से अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के आतंकी मास्टरमाइंड के अंतिम प्रयास विफल होने के बाद, अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया था। राणा के विभिन्न मुकदमों और अपीलों, जिनमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन भी शामिल है, को खारिज किए जाने के बाद आखिरकार प्रत्यर्पण हो पाया।

बयान में कहा गया है कि भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के समन्वित प्रयासों के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में संबंधित अधिकारियों के साथ, वांछित आतंकवादी के लिए आत्मसमर्पण वारंट अंततः सुरक्षित कर लिया गया और प्रत्यर्पण किया गया।

राणा पर हेडली और नामित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के गुर्गों के साथ-साथ अन्य पाकिस्तान स्थित सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर भारत की वित्तीय राजधानी पर तीन दिवसीय आतंकी घेराबंदी करने की साजिश रचने का आरोप है।

26 नवंबर, 2008 को, 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग का उपयोग करके भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो लक्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया।

जांच से परिचित मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा है कि राणा ने 1990 के दशक के अंत में कनाडा में प्रवास करने से पहले पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में काम किया था और एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म शुरू की थी। बाद में वह अमेरिका चला गया और शिकागो में एक कार्यालय स्थापित किया। पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि अपनी फर्म के माध्यम से राणा ने नवंबर 2008 के हमलों से पहले मुंबई में एक टोही मिशन को अंजाम देने के लिए हेडली को कवर दिया और उसे दस साल का वीजा एक्सटेंशन दिलाने में मदद की।

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देश

तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण मोदी सरकार की बड़ी सफलता: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण आदेश को चुनौती देने वाली उसकी याचिका को खारिज किए जाने के बाद, राणा को जल्द ही अमेरिका से भारत लाए जाने की उम्मीद है।

पीएम मोदी सरकार की बड़ी सफलता

शाह ने कहा, “तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की एक बड़ी सफलता है।”

गृह मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता यह सुनिश्चित करना है कि भारत के सम्मान, क्षेत्र और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने कहा, “उसे मुकदमे और सजा का सामना करने के लिए यहां लाया जाएगा। यह मोदी सरकार की एक बड़ी सफलता है।”

कांग्रेस का सीधे नाम लिए बिना शाह ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के दौरान सत्ता में रहने वाले लोग तहव्वुर राणा को मुकदमे के लिए भारत लाने में विफल रहे। तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक और 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का मुख्य आरोपी राणा, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी, ने संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी कानूनी रास्ते समाप्त कर लिए हैं और जल्द ही उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार की एक बहु-एजेंसी टीम वर्तमान में उसके स्थानांतरण की सुविधा के लिए अमेरिका में है, जिसके बाद राणा को हमलों में उसकी भूमिका के लिए भारत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, उसे दिल्ली लाया जाएगा और शुरू में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में रखा जाएगा, जो कानूनी प्रक्रियाओं को संभालेगी। उसे लॉस एंजिल्स में एक महानगरीय हिरासत केंद्र में रखा गया था। राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने हमलों के एक साल बाद अक्टूबर 2009 में शिकागो में राणा को कोपेनहेगन (डेनमार्क) में एक समाचार पत्र पर हमला करने की असफल योजना के लिए सहायता प्रदान करने और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को भौतिक सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया।

उस मामले में उसे 2011 में दोषी ठहराया गया और 14 साल जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, राणा को मुंबई आतंकवादी हमलों में भौतिक सहायता प्रदान करने की साजिश के आरोपों से बरी कर दिया गया।

अपने प्रत्यर्पण को रोकने का उसका आखिरी प्रयास विफल हो गया क्योंकि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसके आवेदन को अस्वीकार कर दिया, जिससे उसे देश में कानून का सामना करने के लिए भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया।

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आप में बड़े बदलाव : दिल्ली आप को मिला नया अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज, मनीष सिसोदिया पंजाब इकाई के प्रभारी

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार 21 मार्च को कुछ बड़े फैसले लिए और अपने पदानुक्रम में कई बदलाव किए। इसने पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज को दिल्ली आप इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। भारद्वाज ने दिल्ली के पूर्व मंत्री गोपाल राय की जगह ली है। पार्टी ने गोपाल राय को गुजरात आप इकाई का प्रभारी नियुक्त किया। शुक्रवार को पार्टी की पीएसी बैठक में ये फैसले लिए गए। एपी ने अपने एकमात्र राज्य पंजाब की जिम्मेदारी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सौंपी है। उन्हें आप की पंजाब इकाई का प्रभारी बनाया गया है।

राज्यसभा सांसद संदीप पाठक को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। पंकज गुप्ता को गोवा का प्रभारी बनाया गया है। आप ने मेहराज मलिक को जम्मू-कश्मीर में आप का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह राज्य में आप के एकमात्र और पहले विधायक हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने ये बदलाव ऐसे समय में किए हैं जब वह दिल्ली चुनाव में हार के जख्मों को सहला रही है। दिल्ली में हार के बाद आप पंजाब में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए जी-जान से जुटी है। सिसोदिया को पंजाब प्रभारी बनाए जाने से संकेत मिलते हैं कि पार्टी 2027 के चुनावों के लिए रणनीति बना रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही सिसोदिया पंजाब में सक्रिय हैं।

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