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एक राष्ट्र, एक चुनाव से पहले एक राष्ट्र, एक शिक्षा और एक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जाती है: सीएम मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव से पहले केंद्र सरकार को एक राष्ट्र, एक शिक्षा और एक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करनी चाहिए। संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अजीब बात है कि देश में एक राष्ट्र, एक शिक्षा और एक उपचार लागू करने के बजाय मोदी सरकार एक राष्ट्र, एक चुनाव लागू करने पर तुली हुई है।

उन्होंने कहा कि यह एक मनमाना कदम है क्योंकि जहां पहले कदम से पूरे देश में आम जनता को फायदा होगा, वहीं दूसरे कदम से भगवा पार्टी के राजनीतिक मकसद पूरे होंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार जनता की भलाई के बजाय सिर्फ उसकी भलाई सुनिश्चित करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि यह तानाशाही रवैया है जो क्षेत्रीय दलों और राज्यों के हित में नहीं है।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कड़े प्रयासों के कारण अब पंजाब में देश में सबसे अच्छी कानून व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि राज्यवासियों की सुरक्षा उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और वे इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में सामाजिक बंधन इतने मजबूत हैं कि पंजाब की उपजाऊ भूमि पर कोई भी बीज उग सकता है, लेकिन नफरत का बीज किसी भी कीमत पर यहां अंकुरित नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, संतों और द्रष्टाओं की पवित्र भूमि है, जिन्होंने हमें आपसी प्रेम और सहनशीलता का मार्ग दिखाया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पहले से ही अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल पर गोलीबारी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच कर रही है और साजिश का जल्द ही पर्दाफाश किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने श्री हरमिंदर साहिब परिसर की सीसीटीवी फुटेज से इनकार करके पंजाब पुलिस की जांच में सहयोग नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अब जब फुटेज मिल गई है तो जांच में तेजी लाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि पार्टी को संसद भवन में कार्यालय मिला है। उन्होंने भारतीय संसद में सांसद के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि इस मंच का सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को उठाने के लिए उचित उपयोग किया जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार को व्यापक जनहित में विपक्षी नेताओं को संसद में जन मुद्दे उठाने की अनुमति देनी चाहिए।

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