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चंडीगढ़ चीफ सेक्रेटरी मुद्दे पर ‘आप’ प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात, कहा – पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा केंद्र

केन्द्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ में सलाहकार की जगह मुख्य सचिव लगाने के मुद्दे पर आज आम आदमी पार्टी (आप) प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से मुलाकात की। आप नेताओं ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की और कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। यह मामला भी पंजाब के साथ भेदभाव को दर्शाता है।

आप प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा, कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह ईटीओ, हरदीप सिंह मुंडियां और बरिंदर गोयल एवं आप नेता डॉ सनी आहलूवालिया, दीपक बाली, नील गर्ग गोविंदर मित्तल, परमिंदर गोल्डी और फैरी सोफत शामिल थे।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद अमन अरोड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सलाहकार की जगह मुख्य सचिव का पद केंद्र का पंजाब विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। आम आदमी पार्टी इसका सख्त विरोध करती है। यह फैसला चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कमजोर करने की कोशिश है। हम इसे किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं करेंगे।

अरोड़ा ने कहा कि चंडीगढ़ पर ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक सभी तरह से पंजाब का ही हक है। चंडीगढ़ को पंजाब के 27 गांवों उजाड़ कर बनाया गया था। राज्य के बंटवारे के समय भी कहा गया था कि संघीय क्षेत्र का स्टेटस टेंपरेरी है। राजीव गांधी लोगोंवाल समझौते में भी कहा गया था कि पांच साल में चंडीगढ़ पंजाब को सौंप दिया जाएगा, लेकिन अभी तक नहीं सौंपा गया।

आप नेता ने सवाल उठाया कि यह समझ से परे है कि केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है? उन्होंने भाजपा और कांग्रेस की भी आलोचना की और कहा कि केंद्र में दोनों पार्टियों की सरकार रही लेकिन उन्होंने चंडीगढ़ पंजाब को वापस देने के लिए कुछ नहीं किया बल्कि उल्टे पंजाब का अधिकार छीनने की कोशिश की।

अरोड़ा ने कहा कि गवर्नर साहब ने हमें भरोसा दिया है कि वह केंद्र सरकार और होम मिनिस्ट्री तक हमारी और तीन करोड़ पंजाबियों की आवाज पहुंचाएंगे।

केंद्र का मकसद पंजाब की मंडी व्यवस्था को खत्म करना है, आम आदमी पार्टी किसानों को पूंजीवादी समर्थक भाजपा से शोषण नहीं होने देगी : हरपाल चीमा

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में लगातार किसान विरोधी नीतियों के लिए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र कृषि प्रणाली, विशेषकर मंडी प्रणाली को खत्म करने के उद्देश्य से कानून ला रहा है, जो पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

चीमा ने कहा कि पंजाब के किसानों ने पहले भी भाजपा द्वारा लाए गए तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने केंद्र पर निजी कॉर्पोरेट-नियंत्रित बाजारों के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए मंडियों को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे किसानों का शोषण होगा और उनकी आर्थिक बर्बादी होगी। उन्होंने कहा कि जब मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी तो निजी बाजार के माध्यम से बड़े कॉरपोरेट हमारे किसानों को लूट लेंगे।

चीमा ने कृषि नेताओं के साथ परामर्श करने और ऐसी नीतियों को खारिज करने एवं पंजाब के किसानों के हितों की रक्षा के लिए विचारशील कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रशंसा की। उन्होंने किसानों को नुकसान पहुंचाने वाली भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया और आम आदमी पार्टी की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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