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पंजाब में हरियाली की ओर कदम: जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए 66 सौर ऊर्जा संयंत्र

पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने सोमवार को यहां बताया कि राज्य को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने तथा जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से पंजाब सरकार 66 सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 4 मेगावाट (कुल 264 मेगावाट क्षमता) होगी।
उन्होंने राज्य में पीएसपीसीएल के 66-केवी सबस्टेशनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए मेसर्स वी.पी. सोलर जेनरेशन प्राइवेट लिमिटेड को लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) भी सौंपा। इस कंपनी का चयन पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है। इसके बाद पंजाब राज्य विद्युत विनियामक आयोग (पीएसईआरसी) ने दीर्घावधि पीपीए के तहत 25 वर्षों के लिए पीएसपीसीएल को सौर ऊर्जा की निकासी और बिक्री के लिए 2.38 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की दर को मंजूरी दी थी। श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा परियोजना दिसंबर 2025 के अंत तक पूरी हो जाएगी। पूरा होने पर, ये सौर संयंत्र सालाना लगभग 400 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली पैदा करेंगे। फीडर स्तर पर सौर ऊर्जाकरण को लागू करके, ये सौर ऊर्जा संयंत्र राज्य को सालाना लगभग 176 करोड़ रुपये की कृषि सब्सिडी बिल की भरपाई करने में भी मदद करेंगे।
यह क्षेत्र की अक्षय ऊर्जा क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान देगा, साथ ही जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करेगा और कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा।
इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से उत्पन्न ऊर्जा को राज्य में अक्षय खरीद दायित्व (आरपीओ) के वितरित ऊर्जा घटक के तहत लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में गिना जाएगा।
अमन अरोड़ा ने पेडा अधिकारियों को परियोजना के सुचारू और समय पर निष्पादन में अपना हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से राज्य में लगभग 1,056 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा, जिससे राज्य के भीतर गैर-पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में कुशल और अर्ध-कुशल दोनों व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
लेटर ऑफ अवार्ड जारी करने के अवसर पर पेडा के निदेशक श्री एम.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक श्री राजेश बंसल, मेसर्स वी.पी. सोलर जेनरेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री परमोध चौधरी और श्री हरपाल सिंह संधू भी उपस्थित थे।