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मीत हेयर ने संसद में उठाया किसानों का मुद्दा, पूछा – प्रधानमंत्री मोदी के 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के वादे का क्या हुआ?

आम आदमी पार्टी (आप) के संगरूर से लोकसभा सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने सोमवार को संसद में किसानों का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के वादे का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि इस पर भाजपा सरकार को देश को जवाब देना चाहिए।
मीत हेयर ने कहा कि 2014 में केन्द्र में भाजपा सरकार के बनने के बाद अभी तक 11 बजट पेश हो चुके हैं लेकिन किसी भी बजट में किसानों की आमदनी बढ़ाने का जिक्र तक नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कृषि कानून रद्द करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने देश के किसानों से एसपी की गारंटी का वादा किया था लेकिन उसे भी आज तक पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान 750 से ज्यादा किस शहीद हो गए। आज कृषि कानून वापस हुए 300 दिन बीत गए लेकिन उनको न्याय नहीं मिला।
पंजाब के किसान करीब एक साल से एसपी लागू करने के लिए हरियाणा बॉर्डर पर बैठे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली नहीं आने दिया जा रहा है। हरियाणा और पंजाब का बॉर्डर पाकिस्तान जैसा बना रखा है। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में उद्योगपतियों के 10 लाख करोड़ से ज्यादा के कर्ज माफ हुए लेकिन लेकिन किसानों का कर्ज नहीं माफ किया गया।
उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने देश का अनाज भंडार भरने के लिए अपनी धरती, अपना पानी बर्बाद कर लिया, लेकिन आज उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए देश की राजधानी दिल्ली नहीं आने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों पर अत्याचार के बजाय उनकी मांग माने और एमएसपी गारंटी कानून लागू करे।
मीत हेयर ने पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का भी जिक्र किया और कहा कि वह अपने निजी स्वार्थ के लिए नहीं, पूरे देश के किसानों की भलाई के लिए 21 दिनों से भूखे बैठे हैं। हमें उनकी सेहत की फ़िक्र है। केन्द्र सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
हेयर ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से कहा कि आप ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर नहीं आ सकते, तो वे ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर नहीं आए। सरकार ने कहा कि बड़ी संख्या में नहीं आ सकते तो उन्होंने सिर्फ 100 किसानों के दिल्ली आने की योजना बनाई, फिर भी केंद्र सरकार उन्हें आने नहीं दे रही। जब किसान सरकार की सारी बातें मानने को तैयार है तो सरकार को भी उनकी बात माननी चाहिए।
अपने भाषण में मीत हेयर देश के लोगों की तंगहाल आर्थिक स्थिति का भी जिक्र किया और प्रकाशित डेटा के माध्यम से बताया कि प्रति व्यक्ति आय में हम दुनिया में 141वें नंबर पर हैं। 140 करोड़ की आबादी में से केवल 10 प्रतिशत लोग ही 25,000 रूपए प्रति माह से अधिक कमाते हैं। उन्होंने इस डेटा को किसानों से जोड़ते हुए कहा कि 90 प्रतिशत लोग जिनकी आय 25,000 रूपए प्रति माह से कम है, उसमें ज्यादातर किसान और मजदूर हैं।
हेयर ने कहा कि पंजाब के लोगों ने देश को आजाद कराने के लिए सबसे ज्यादा बलिदानी दी। आज भी करीब हर गांवों में शहीद जवानों की प्रतिमाएं लगी हैं। आजादी के बाद पंजाब के किसानों ने देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाया। कभी इसी संसद में देश के लोगों से कहा गया था कि हफ्ते में एक दिन का उपवास करें ताकि देश को दूसरे देशों से अनाज न मांगना पड़े। पंजाब के किसानों ने अपना सबकुछ लुटाकर इस समस्या से छुटकारा दिलाया। इसलिए केन्द्र सरकार को किसानों के साथ बुरा सलूक करने से पहले इतिहास टटोलना चाहिए।