पंजाब

सरकारी दफ्तरों की कभी भी जांच की जाएगी, इसलिए अपना कर्तव्य पूरी लगन से निभाएं: सीएम मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को स्थानीय तहसील परिसर का औचक दौरा किया और लोगों को नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान किए जाने का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने तहसीलदार कार्यालय का दौरा किया और कार्यालय में चल रही रजिस्ट्री प्रक्रिया को देखा। उन्होंने लोगों से विस्तृत बातचीत भी की, जिन्होंने लोगों को पूर्णतया सेवाएं प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की सराहना की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के कुशल कामकाज के लिए लोगों की प्रतिक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है और इस तंत्र को हर तरह से बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार तुहाड़े द्वार राज्य सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य लोगों को घर-द्वार सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत ही उन्होंने परिसर में सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण किया और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों ने उन्हें कार्यालयों के कामकाज के बारे में अवगत कराया था, जिसके कारण उन्होंने लोगों की भलाई के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि अब अधिकांश अधिकारी काम के घंटों के दौरान अपने कार्यालयों में बैठते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य अधिकारियों की किसी भी तरह की गलती निकालना नहीं है, बल्कि सरकारी कार्यालयों में काम को और अधिक सुचारू बनाना है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने पहली बार देखा है कि राज्य का कोई मुख्यमंत्री सरकारी कार्यालयों का दौरा कर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य के लोगों की भलाई सुनिश्चित करना है और हर तरह से उन्हें नागरिक केंद्रित सेवाएं सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और सावधानी से पालन करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी कार्यालयों में आने वाले लोगों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को परेशानी मुक्त सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो इस हाई-टेक युग में समय की जरूरत है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह किसी भी समय किसी भी सरकारी कार्यालय, स्कूल या अस्पताल का दौरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोगों के दिन-प्रतिदिन के कार्यालयी काम को तुरंत निपटाने और परेशानी मुक्त सेवाएं सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला स्तर पर सीएम विंडो/सहायता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां प्रशासनिक अधिकारी आम जनता की समस्याओं के समाधान में मदद करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जिला स्तर के मुद्दों का मौके पर ही समाधान किया जाएगा, जबकि अन्य को मुख्यालय पर आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को भेज दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और इस बुराई को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के लोगों को स्वच्छ, प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जमीन और संपत्ति के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की शर्त को खत्म करने के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का एकमात्र उद्देश्य आम जनता को सुविधा प्रदान करना है क्योंकि अवैध कॉलोनाइजर लोगों को सब्जबाग दिखाकर ठगते हैं और अपनी बिना मंजूरी वाली कॉलोनियों को उन्हें बेच देते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन कॉलोनियों में बुनियादी नागरिक सुविधाएं पाने के लिए असहाय लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आम आदमी के हितों की रक्षा करेगी।

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