पंजाब

सिख गुरुओं और पंजाबी स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास हमारे देश के हर स्कूल में पढ़ाया जाना चाहिए: कंग

पंजाब के आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने संसद में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अहम मुद्दे उठाए। कंग ने कहा कि हमारे देश के हर स्कूल में सिख गुरुओं और पंजाबी स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए। ऐतिहासिक लोकसभा सीट श्री आनंदपुर साहिब का प्रतिनिधित्व करने वाले कंग ने कहा कि हम स्कूल में बाबर का इतिहास पढ़ाते हैं लेकिन हम गुरु नानक देव जी के बारे में क्यों नहीं पढ़ा रहे हैं, जिन्होंने बाबर को उसकी सैन्य शक्ति से भयभीत हुए बिना अत्याचारी कहा था।

गुरुवार को संसद में अपने संबोधन के दौरान मलविंदर कंग ने कहा कि सरकार को पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों का उत्थान करना चाहिए और उन्हें विशेष अनुदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक के दोनों पदक विजेता मनु भाकर और सरबजोत सिंह पीयू के पूर्व छात्र हैं। इस संस्थान ने हमारे देश को कई प्रमुख नेता दिये हैं। इसलिए केंद्र सरकार को इस संस्थान को वित्तीय संकट से उबारने के लिए विशेष अनुदान देना चाहिए।

आप सांसद ने लंबित फंड का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार को बिना किसी देरी के पंजाब का लंबित फंड जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को पीएम श्री योजना (पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) और मिड-डे मील फंड से संबंधित फंड तुरंत जारी करना चाहिए।

कंग ने आगे कहा कि भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या दूसरे नंबर पर है, लेकिन उच्च शिक्षा के मामले में हम दुनिया में 33वें स्थान पर हैं। 79% छात्र स्नातक संस्थानों में जाते हैं, लेकिन केवल 12% स्नातकोत्तर संस्थानों में जाते हैं। वहीं मात्र 0.5 – 0.6% ही पीएचडी कर पाते हैं। कंग ने कहा कि सरकार को उच्च शिक्षा संस्थानों और वहां की सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का मुद्दा भी उठाया और सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को इन छात्रों के लिए विशेष योजनाएं लानी चाहिए। दिल्ली और पंजाब की आम आदमी पार्टी की तरह केंद्र सरकार को भी उनका खर्च उठाना चाहिए।

अपने भाषण के अंत में कंग ने मांग की कि स्कूलों में सिख गुरुओं और स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपने देश में आक्रमणकारियों का इतिहास पढ़ा रहे हैं लेकिन उन आक्रमणकारियों के खिलाफ खड़े हुए लोगों का इतिहास नहीं पढ़ा रहे हैं।

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