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नामधारी संप्रदाय की दिलेरी और त्याग के उदाहरण दुनिया में और कहीं नहीं मिलते : अमन अरोड़ा

देश की आजादी, धर्म और गौ रक्षा के लिए नामधारी संप्रदाय के नेताओं और पैरोकारों ने बहुत ही दलेरी और त्याग की भावना के साथ मिसाली काम किया है और इस संप्रदाय की दलेरी और त्याग की उदाहरणों दुनिया में ओर कहीं नहीं मिलती। यह विचार अमन अरोड़ा नवी और नव्यानयोग ऊर्जा स्नेत, रोजगार उत्पति, हुनर विकास व ट्रेनिंग, प्रशासनिक सुधार और शिकायत निवारण और छपाई व स्टेशनरी विभाग के कैबिनेट मंत्री पंजाब ने स्थानीय नामधारी शहीदी स्मारक में 66 नामधारी शहीद सिंहों की याद संबंधी मनाए गए राज्य स्तरीय समागम को सम्बोधन करते प्रकट किये। उनके इलावा पंजाब के माल और पुनर्वास और आफत प्रबंधन, जल स्पलाई और सेनिटेशन, मकान उसारी और शहरी विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री पंजाब हरदीप सिंह मुंडियां ने भी संबोधन किया।

अमन अरोड़ा ने कहा कि यह नामधारी सत्गुरू राम सिंह जी ही थे, जिन गुरूयों की तरफ से दिखाऐ हुए अहिंसा के रास्ते पर चलते अंग्रेजों और उनकी तरफ से दी जाती सुख सहूलतों का मुकम्मल बायकाट किया। नामधारी सत्गुरू राम सिंह जी की तरफ से शुरू किये गए असहयोग आंदोलन और न-फुरमानी आंदोलन को बाद में महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने अपनाने को पहल दी। इतिहास गवाह है कि देश की आजादी का असली आधार कूका की तरफ से मालेरकोटला की पवित्र धरती से बंधा था।

उन्होंने कहा कि सत्गुरू राम सिंह जी सिक्खी आत्माभिमान के पुनर संस्थापक और देश की आजादी के लिए बर्तानवी साम्राज्य के साथ असहयोग और बायकाट को राजनैतिक हथियार के तौर पर बरतने वाले विश्व के पहले नीति-वेता थे। देश को अंग्रेजों के लुटेरा राज से आजाद करवाने के लिए चाहे अलग- अलग धर्मों, मजहबों, वर्गों और पार्टियों ने अपने- अपने तौर पर उपराले किये परन्तु आजादी संग्राम में उनके नेतृत्व में नामधारी संप्रदाय की तरफ से दिया गया योगदान और कूका की तरफ से गई शहादतें लामिसाल हैं। कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने नामधारी संप्रदाय को सादगी, सच्चाई और नम्रता का स्नेत बताते संगत से अपील की । मुंडियां ने ऐलान किया कि नामधारी स्मारक के साथ जुड़ी संगत की धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते जल्द ही श्री भैनी साहिब – गाँव राईया सडक को नये सिरे से बनवाया जायेगा।

समागम दौरान मौजूदा गद्दीनशीन नामधारी ऊदे सिंह जी ने गुरू नानक देव जी, समूह गुरू साहिबान और सत्गुरू राम सिंह जी के बताये मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते संगत को गुरू के साथ जुडकर धर्म और देश की तरक्की के लिए काम करने का न्योता दिया।

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