पंजाब

पंजाब सरकार किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोगों के इलाज का खर्च उठाएगी

पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार को यहां कहा कि अपनी जायज मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ मजबूती से खड़े होकर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसानों के प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोगों के इलाज का सारा खर्च वहन करेगी।

किसानों को राज्य में प्रवेश करने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा की गई पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हुए किसानों, पत्रकारों और पुलिस कर्मियों का हालचाल जानने के लिए स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा सीमा के पास विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के तूफानी दौरे पर थे।

उन्होंने मोहाली में डॉ. बी आर अंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज (एम्स), सीएचसी बनूर, सिविल अस्पताल राजपुरा और राजिंदरा अस्पताल पटियाला का दौरा किया।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सीमा से सटे सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और आपातकालीन सेवाएं 24×7 प्रदान की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है और डॉक्टरों को अस्पतालों में रहने के लिए कहा गया है, जबकि सीमा पर एम्बुलेंस की तैनाती भी तेज कर दी गई है।

उन्होंने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से आपातकालीन आवश्यकता के मामले में आवश्यक कर्मचारियों और दवाओं के साथ 14 एम्बुलेंस को तैयार रखने के लिए भी कहा।

उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर के सबसे नजदीक होने के कारण, कम से कम 40 घायल व्यक्तियों को सिविल अस्पताल राजपुरा में भर्ती कराया गया था, जिनमें से दो को सिर में गंभीर चोटें आई हैं और उनका इलाज चल रहा है।

उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए व्यक्तियों को मुफ्त चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करेगी।

प्रदर्शनकारी किसानों पर अकारण पुलिस कार्रवाई के लिए हरियाणा सरकार की निंदा करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार को उन किसानों को रोकने का कोई अधिकार नहीं है, जो शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जा रहे थे।

उन्होंने हरियाणा सरकार की भूमिका को असंवैधानिक और अवैध करार देते हुए कहा, “राष्ट्रीय राजमार्ग राष्ट्र की संपत्ति है और किसानों को दिल्ली पहुंचने के लिए केवल हरियाणा के अधिकार क्षेत्र से गुजरना था।” उन्होंने भाजपा नीत हरियाणा सरकार से किसानों को शांतिपूर्वक अपनी मांगें उठाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने देने का भी आग्रह किया।

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