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दिवाली के अवसर पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही फोड़े जा सकेंगे पटाखे: डीसी अमृतसर साक्षी साहनी

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के तहत अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने त्यौहारों के दिनों में आतिशबाजी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत दिवाली, गुरुपर्व और क्रिसमस के अवसर पर पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने का समय भी तय किया गया है। जिलाधीश ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुसार जिला अंतर्गत पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे। काले पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित है। लिथियम, पारा, आर्सेनिक, बेरियम आदि के बिना बने हरे पटाखे ही बेचे जा सकेंगे।

डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बताया कि दिवाली पर रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक, गुरुपर्व पर प्रातः 4 बजे से 5 बजे तक तथा रात्रि 9 बजे से 10 बजे तक पटाखे जलाए जा सकेंगे। इसी प्रकार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रात्रि 11.55 बजे से 12.30 बजे तक तथा नववर्ष की पूर्व संध्या पर रात्रि 11.55 बजे से 12.30 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति है। शादी से पहले और बाद में किसी भी तरह की आतिशबाजी पर प्रतिबंध रहेगा और ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी वेबसाइट, ई-कॉमर्स साइट आदि पटाखे नहीं बेच पाएंगी।

जिला मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि शादी समारोह के दौरान पटाखे आदि फोड़ने के लिए मैरिज पैलेस मालिक को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा और सुरक्षा नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। इसके बिना शोभा यात्रा, नगर कीर्तन, प्रभात फेरी और अन्य कार्यक्रमों के अवसर पर पटाखे फोड़ने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इस दौरान घनी आबादी वाले क्षेत्रों और आग लगने वाले क्षेत्रों में पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।

डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने कहा कि उन्होंने नगर निगम कमिश्नर, SSP, SD कार्यकारी अभियंता पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड को निर्देश देते हुए आदेश जारी कर दिए हैं। डिप्टी कमिश्नर ने जिले के लोगों से अपील की कि वे माननीय सुप्रीम कोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार निर्धारित समय के भीतर ही पटाखे फोड़ें। उन्होंने कहा कि पटाखों से जहां पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है, वहीं इनकी ध्वनि और प्रदूषण से मनुष्य के साथ-साथ पशु-पक्षियों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए आम जनता को यथासंभव आतिशबाजी से बचना चाहिए।

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